मुंबई,संवाद पत्र। पहला ‘विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन’ (वेव्स) गुरुवार को यहां अकादमी पुरस्कार विजेता एम.एम. केरावनी की संगीतमय प्रस्तुति के साथ प्रारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘वेव्स’ का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज यहां मुंबई में 100 से अधिक देशों से आर्टिस्ट, इनोवेटर्स, निवेशक और नीति निर्माता एक साथ, एक ही छत के नीचे एकत्रित हुए हैं। एक तरह से आज यहां ग्लोबल टैलेंट और ग्लोबल क्रिएटिविटी के एक ग्लोबल इको-सिस्टम की नींव रखी जा रही है… यह वाकई एक ‘वेव’ है।”
इस सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के रचनाकारों, स्टार्टअप, उद्योग जगत के दिग्गजों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाकर भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। अभिनेता शाहरुख खान ने सम्मेलन में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव, एस जयशंकर और एल मुरुगन तथा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस समिट का उद्देश्य है मीडिया और एंटरटेनमेंट इवेंट की क्षमता को बढ़ावा देना, क्योंकि साल 2024 में इसका रेवेन्यू 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
समिट में शामिल होने के लिए अभिनेता अनिल कपूर, आमिर खान, पद्म विभूषण चिरंजीवी, मोहनलाल, अक्षय कुमार, अभिनेत्री मानुषी छिल्लर, निमरत कौर, हेमा मालिनी, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और ऑस्कर विजेता निर्माता गुनीत मोंगा समेत कई कलाकार पहुंच चुके है।
समिट में शामिल होने पहुंचे गायक शान ने कहा, “मैं इस शिखर सम्मेलन के लिए रोमांचित और उत्साहित हूं। आज यहां विभिन्न राज्यों से कलाकार, कंटेंट क्रिएटर और गायक आए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बेशक, हमारे दिलों में दुख है, लेकिन जैसा कि राज कपूर ने कहा था – ‘शो चलता रहना चाहिए’।”
90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हो रहें शामिल
वेव्ज 2025 सम्मेलन में 90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। 10,000 से अधिक प्रतिनिधि, 1,000 कलाकार, 300 से अधिक कंपनियां और 350 से अधिक स्टार्टअप्स भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में कुल 42 मुख्य सत्र, 39 विशेष सत्र और 32 मास्टर क्लासेस आयोजित की जाएगी, जिसमें ब्रॉडकास्टिंग, इन्फोटेनमेंट, एवीजीसी-एक्सआर, फिल्म और डिजिटल मीडिया जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस पहल से भारत के युवाओं, स्टार्टअप्स, और रचनात्मक उद्योग को वैश्विक अवसर मिलेंगे और भारत का ‘डिजिटल इंडिया’ सपना और भी सशक्त होगा।