उन्नाव, संवादपत्र । श्री आदि गुरु वैदिक सेवा संस्थान व श्रीगोकुल बाबा मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में पंचम शिव महापुराण कथा प्रवचन करते हुए पहले दिन प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की पावन कथा सुनाई। शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास महाराज ने भगवान चंद्रमौलि के जयकारे लगवाते हुए कथा की शुरुआत की।
आचार्य ने बताया कि गुजरात के जलाभाव और विपन्नता समाप्त कराने के लिए चंद्रदेव ने कड़ी तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भोलनाथ ने दर्शन देते हुए अभावग्रस्त क्षेत्र में त्रिशूल गाड़कर जीवंत कर दिया। वर्ततान में संबंधित स्थान पर कुंड स्थित है। कुंड स्नान के बाद सोमनाथ शिवलिंग के दर्शन मात्र से रोगों व दरिद्रता से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन-अर्चन न सिर्फ मोक्ष प्राप्त कराता है, बल्कि सुख व संपत्ति का लाभ भी देता है। उन्होंने विभिन्न कथा प्रसंगों के माध्यम से उदाहरण देते हुए श्रद्धालुओं को भगवान अवढ़रध्यानी की भक्ति के लिए प्रेरित किया।
कथा यजमान देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, संतोष साहू, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डा. सुषमा सिंह, लीलावती, आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश त्रिपाठी, श्रीकांत शुक्ला, मुकुल, कथा व्यवस्थापक जितेंद्र सिंह ‘अन्नू’, संरक्षक मंडल के कमल वर्मा, संजय राठी, ललित मिश्रा, निम्मी अरोड़ा, शालिनी श्रीवास्तव, इंद्रमणि मिश्रा, अभिषेक शुक्ला, संजय त्रिपाठी, अनिल गुप्ता, साधना दीक्षित, दिव्या शुक्ला, शोभा पांडेय, उमा शुक्ला, चंद्रप्रकाश वाजपायी, ओम प्रकाश सोनी, कुलदीप सिंह, कुंवर बहादुर सिंह, संदीप मिश्रा व कौशल किशोर यादव आदि पूजन आरती में शामिल हुए। इससे पहले कथा संयोजक डा. मनीष सिंह सेंगर ने श्रद्धालुओं का कथा आचार्य से परिचय कराया।