उन्नाव, संवादपत्र । जिले के अलग-अलग क्षेत्र में बने चार लघु सेतु कभी भी आमजन व वाहन सवारों के लिये जानलेवा साबित हो सकते हैं। यह अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं और इन पर चलना अब अपनी जान से खिलवाड़ करने से कम नहीं है।
हालांकि, पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने इन्हें असुरक्षित घोषित करते हुए वहां बोर्ड तो लगवा दिया है लेकिन, इन सेतु पर वाहनों को रोकने के लिये कोई प्रबंध नहीं किये गए। जिससे लोग छोटे वाहनों के अलावा हैवी वाहनों को भी चोरी छिपे इन सेतु से निकाल रहे हैं। जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
बिहार राज्य में ओवरब्रिज घटना को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार ने लोकनिर्माण विभाग से लोगों के अवागमन में असुरक्षित लघु सेतुओं की रिपोर्ट मांगी थी। जिस पर विभाग ने जिले के अलग-अलग क्षेत्र के चार लघुसेतु जर्जर होने की रिपोर्ट दी थी।
प्रस्ताव मिलते ही लोकनिर्माण विभाग ने लघुसेतुओं को आवगमन के लिए असुरक्षित घोषित करके हुए सेतु के पास बोर्ड लगाकर कागजी कोरम पूरा कर लिया है। राहगीरों ने बताया कि इन सेतुओं से लोग छोटे बड़े व मौका मिलने पर चोरी छिपे हैवी वाहनों को भी दिन रात खूब निकाल रहे हैं। जिससे ये जर्जर सेतु एक बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं।
लगना चाहिये हाइटगेज
स्थानीय लोगों के अनुसार, अगर यह लघु सेतु पूरी तरह से असुरक्षित हो चुके हैं और इस पर हैवी वाहनों का चलना खतरे से खाली नहीं है तो संबंधित विभाग को इनके दोनों ओर हाइटगेज लगाकर हैवी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का काम करना चाहिये।
यह है जिले के चार जर्जर लघु सेतु
1- मंगतखेड़ा कांथा से सोहरामऊ मार्ग पर 13 किमी पर बनी है।
2- हिलौली, भवानीगंज, पिपरी व जोरावरगंज से दुर्जन खेड़ा संपर्क मार्ग पर एक किमी पर आरसीसी का लघुसेतु है।
3- पुरवा से बीघापुर मार्ग पर 6 किमी पर एक नाले पर आरसीसी का लघुसेतु है।
4- बरबटपुर से राजेपुर पतारी सम्पर्क मार्ग के शारदा नहर पर लघुसेतु बना है।