Sisamau By-Election: अनुसूचित जाति के नेता को उतार सकती है BJP, 1996 के बाद से यहां लगातार चुनाव हार रही पार्टी

By Sanvaad News

Published on:

Follow Us

कानपुर, संवादपत्र सीसामऊ विधानसभा सीट पर भाजपा को जिताऊ चेहरे की तलाश है। पार्टी यहां किसी अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है, लेकिन पूर्व में चुनाव लड़ चुके सलिल विश्नोई और सुरेश अवस्थी भी टिकट के लिए जोर लगाए हैं, तो पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने भी दावेदारी पेश कर दी है।

हालांकि विधानसभा क्षेत्र में आने आने वाले मंडल अध्यक्षों की राय क्षेत्र के कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाने की है। वे लगातार इस बात का दबाव भी प्रभारी और सह प्रभारी पर बना रहे हैं। उधर, समाजवादी पार्टी इस सीट पर सदस्यता गंवा चुके विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी का टिकट घोषित कर चुकी है। उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता साथ नजर आ रहे हैं।

सीसामऊ विधानसभा सीट मुस्लिम मतदाता बाहुल्य है। 1991 की राम लहर में पहली बार यहां से भाजपा के राकेश सोनकर विधायक बने थे। वे 1993 और 1996 में भी जीते। लेकिन 2002 में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट झटक ली और 2007 में भी चुनाव जीती। इसके बाद 2012 में परिसीमन बदला तो यह सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में आ गई। यहां आर्यनगर के विधायक रहे इरफान सोलंकी जीते। 


इरफान ने 2017 और 2022 में भी यहां से चुनाव जीता। लेकिन जाजमऊ में आगजनी मामले में सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद हो गई है। अभी इस सीट पर उप चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन भाजपा इस बार सपा से यह सीट छीनने की व्यूह रचना में जुटी है।

पार्टी के विधानसभा प्रभारी कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, सह प्रभारी कैबिनेट मंत्री नितिन अग्रवाल लगातार क्षेत्र का दौरा कर कार्यकर्ताओं का मन टटोल रहे हैं। माना जा रहा है कि अभी नेतृत्व की निगाह किसी ऐसे चेहरे पर नहीं टिकी है जो क्षेत्र का हो और जिताऊ हो। सलिल विश्नोई 2022 में इस सीट से चुनाव हारे थे तो 2017 में सुरेश अवस्थी को हार मिली थी।

मुस्लिम मतदाता साधने पर पशोपेश में भाजपा

सीसामऊ विधानसभा सीट उप चुनाव को लेकर भाजपा गैर मुस्लिम क्षेत्रों में अपनी बढ़त बनाने में जुटी है। लेकिन पार्टी तैयारी अभी मुस्लिम इलाकों में नहीं पहुंची है, जबकि 100 बूथ मुस्लिम क्षेत्र में हैं।

2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमानों का इस सीट पर लगभग 8 प्रतिशत वोट मिला था। कई भाजपा नेताओं का तर्क है कि इस लोकसभा चुनाव में पार्टी को यहां से मुस्लिम वोट नहीं मिला है, जबकि कई मुस्लिम कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े पद से नवाजा गया था। लेकिन सारी कवायद हवा-हवाई रही।

सीसामऊ विस क्षेत्र में लगभग 1 लाख 75 हजार मतदाता हैं। इनमें 100 बूथ मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हैं। विधानसभा क्षेत्र में 21 वार्ड हैं, जिनमें 17 वार्ड पूरी तरह सीसामऊ विधानसभा में आते हैं जबकि अन्य 4 वार्डों का बड़ा हिस्सा दूसरी विधानसभा में आता है। भाजपा से पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, पूर्व नगर अध्यक्ष रामदेव शुक्ला, 2022 में प्रत्याशी रहे सुरेश अवस्थी समेत दर्जनों लोग टिकट की लाइन में हैं।

भावनात्मक वोट जानकर सपा खामोश

सीसामऊ उप चुनाव को लेकर सपा-कांग्रेस में अभी कोई बड़ी हलचल देखने को नहीं मिल रही है, इसके पीछे कारण ये है कि सीसामऊ सीट पर सपा के लंबे समय से कब्जा है और सपा का मानना है कि पूर्व विधायक हाजी इरफान सोलंकी के जेल में होने का भावनात्मक लाभ पार्टी को मिलेगा।

Sanvaad News

आपका स्वागत है संवाद पत्र में, जहाँ हम आपको ताज़ा खबरों और घटनाओं से अवगत कराते हैं। हमारी टीम हर समय तत्पर है ताकि आपको सबसे सटीक और नवीनतम समाचार मिल सकें। राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय, और तकनीक से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें। संवाद न्यूज़ - आपकी आवाज़, आपकी खबर।

Leave a Comment