Sawan 2024: सावन में धारण करें रुद्राक्ष, मिलेगा मन चाहा फल

By Sanvaad News

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लखनऊ, संवादपत्र : सावन का महीना भगवान शिव का महीना है। इस महीने में महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। सावन के महीने में जो भी शिव भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चाना करता है उसके जीवन में कोई भी परेशानी नहीं आती है और हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है। भगवान शिव को रुद्राक्ष अति प्रिय है। सावन महीने में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही खास माना जाता है। हिंदु धर्म में भी रुद्राक्ष की खास अहमियत है।

बहुत लोगों के मन में रुद्राक्ष धारण करने की इच्छा होती है, लेकिन समझ नहीं आता कर और कैसे करें।  सावन महीने में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही शुभ होता है। कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्‍यक्ति पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। मान्यता है कि रुद्राक्ष का उद्भव शिव भगवान के नेत्रों से हुआ है और यह हमारी हर परेशानी को हरने की क्षमता रखता है। विज्ञान में भी रुद्राक्ष को धारण करना बहुत असरदायक माना गया है।रुद्राक्ष का औषधीय और आध्यात्मिक महत्व है। रुद्राक्ष अकाल मृत्यु, शत्रु बाधा जैसी चीजों से लोगों की रक्षा करता है। कुल चौदह मुखी रुद्राक्ष होते हैं और इसके साथ ही गौरी-शंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं।

हर रुद्राक्ष का अलग महात्व
1-एक मुखी रुद्राक्ष
रुद्राक्ष भगवान शिव के आंशुओं से पैदा हुआ है। एक मुखी रुद्राक्ष तो भगवान शिव का अंश ही माना जाता है। सिंह राशि वालों के लिए एक मुखी बेहद शुभ होता है। कुंडली में सूर्य संबंधित समस्या हो तो एक मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।

2-दो मुखी रुद्राक्ष 
दो मुखी रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का रूप माना जाता है। कर्क राशि वालों के लिए यह बहुत शुभ माना जाता है। वैवाहिक जीवन में समस्या हो तो यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

3-तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि का स्वरूप माना जाता है। मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष उत्तम परिणाम लेकर आता है। मंगल दोष के निवारण के लिए इस रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए। 

4-चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्म स्वरूप माना जाता है। मिथुन और कन्या राशि के लिए उत्तम है। त्वचा रोगों और वाणी की समस्या में यह रुद्राक्ष लाभदायक है।

5-पांच मुखी रुद्राक्ष
पांच मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि का स्वरूप माना जाता है। इसे पहनने से मंत्र शक्ति और अद्भुत ज्ञान की प्राप्ती होती है। जिनकी राशि धनु या मीन होती है या फिर जिसकी शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो रही हो। उनके लिए यह लाभदायक है। 

6-छह मुखी रुद्राक्ष
6 मुखी रुद्राक्ष को कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है। कुंडली में शुक्र कमजोर हो तो इसे धारण करें। इसके अलावा तुला या वृष राशि हो तो छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
 
7-सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष सप्तमातृका या सप्तऋषियों का स्वरूप माना जाता है। मारत दशाओं और गंभीर स्थितियों में इसको धारण करना चाहिए। इसके साथ ही अगर मृत्युतुल्य कष्टों का योग हो या मकर और कुंभ राशि के जातक हो तो सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

8-आठ मुखी रुद्राक्ष
आठ मुखी रुद्राक्ष अष्टदेवियों का स्वरूप माना जाता है। इसको धारण करने से अष्टसिद्धियों की प्राप्ती होती है। इसको धारण करने से आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। जिनकी कुंडली में राहु से संबंधी समस्याएं हो उनके लिए यह रुद्राक्ष शुभ माना जाता है। 

9-ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को रुद्राक्ष स्वयं शिव का रूप माना जाता है। संतान संबंधी समस्याओं के निवारण और संतान प्राप्ति के लिए इसको धारण आवश्य धारण करें।

रुद्राक्ष में बरते यह सावधानियां 
रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले धागे में पहनना चाहिए। साथ ही रुद्राक्ष को पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार वाले दिन पहनना श्रेष्ठ माना गया है। सावन महीने में रुद्राक्ष किसी भी दिन पहना जा सकता है क्योंकि सावन में हर दिन शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष को हमेशा 1, 27, 54 और 108 की संख्या में पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को धारण करने के बाद सात्विकता का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही रुद्राक्ष को धातु के साथ ही धारण चाहिए यह बहुत ही अच्छा होता है। रुद्राक्ष को  सोते समय धारण नहीं करना चाहिए। 

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