लखनऊ, संवादपत्र सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल जुलाई सावन की शुरुआत हुई थी। सानव का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय है। इस माह में भगवान शिव की विशेष पुजा की जाती है। इसके साथ ही भोलेनाथ के प्रिय गण नाग देवता का पुजन इसी माह में होता है, जिसकी विशेष महात्व है।
शुल पक्ष की पंचमी में नागों की उपासना करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही सर्प दंश का भय भी नहीं रहता है। आइए जानते हैं कि 2024 में कब है नाग पंचमी और पुजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
नाग पंचमी कब
इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। नाग पञ्चमी हरियाली तीज के दो दिन बात आता है। नाग पंचमी पर शेष, पद्म, कंबल, शंखपाल, नाग अनंत, वासुकी, कालिया, तक्षक आदि का ध्यान करते हुए नाग की प्रतिमा बना कर उसकी पूजा की जाती है। साथ इस दिन कई जगाहों पर नागों को दुध पिलाने का विशेष महत्व है।
नाग पंचमी मुहूर्त
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 9 अगस्त को सुबह 12:36 से लेकर 10 अगस्त 2024 को सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा।
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त- सुबह 05:47- सुबह 08:27
कुल अवधि- 2 घंटे 40 मिनट
क्यों मनाते हैं नाग पंचमी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित की मृत्यु एक नाग के डंसने से हुई थी। पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए जनमेजय ने सर्पों को मारने का फैसला लिया और नाग दाह यज्ञ की शुरुआत की। यज्ञ की वजह से संसार के सारे सर्प जलने लगे, सर्पों ने अपनी जान बचने के लिए आस्तिक मुनि की शरण ली। मुनि ने राजा जनमेजय को ऐसा न करने के लिए समाझाया और यज्ञ को रुकवाया। जिससे सर्पों की जान बचा गई। जिस दिन यह घटना हुई थी वह सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी थी। इसके बाद से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा।
नाग पंचमी पूजा मंत्र
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्,
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥