कानपुर, संवाद पत्र। बीसीए छात्रा के आत्महत्या प्रकरण के आरोपी दरोगा समेत तीन को एडीजे-7 की कोर्ट ने बरी कर दिया। पीड़िता के पिता का आरोप था कि तत्कालीन यूनिवर्सिटी चौकी प्रभारी ने चौकी में बुला कर छात्रा को डराया धमकाया व बदसलू की थी। जिससे आहत होकर बेटी ने आत्महत्या कर ली थी।
रावतपुर निवासी डॉ दिनेश शर्मा की बेटी ऐश्वर्या वर्ष 2018 में कानपुर विश्वविद्यालय में बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। आरोप था कि ऐश्वर्या के साथी छात्र अनिकेत दीक्षित व सीनियर अनिकेत पांडेय छेड़खानी करते थे। पिता ने आरोप लगाया था कि बेटी ने मामले की शिकायत एचओडी ममता तिवारी से की, लेकिन उन्होंने बेटी को सस्पेंड करने की धमकी दी।
जिसके बाद 7 फरवरी 2018 को अनिकेत दीक्षित व अनिकेत पांडेय के खिलाफ कल्याणपुर थाने में शिकायत की। मामले की जांच तत्कालीन यूनिवर्सिटी चौकी प्रभारी अजय पांडेय के पास थी। पिता ने आरोप लगाया था कि चौकी प्रभारी ने उसे व छात्रा को चौकी बुलाया, जहाँ उन्हें डराया धमकाया गया था।
इसके बाद ऐश्वर्या ने एक अप्रैल को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पीड़िता के पिता ने एचओडी, दरोगा समेत अनिकेत दीक्षित व अनिकेत पांडेय के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का रिपोर्ट कराई थी। मामला एडीजे-7 आजाद सिंह की कोर्ट में विचाराधीन था। मंगलवार को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में दरोगा अजय पांडेय, अनिकेत दीक्षित व अनिकेत पांडेय को बरी कर दिया।