कानपुर, संवादपत्र । सिविल लाइंस में 1700 करोड़ की नजूल की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास के बाद पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित की प्रापर्टी की तलाश में लगी पुलिस को रोज उसके नाम के नए बोर्ड लगे मिल रहे हैं। पुलिस उन निर्माणाधीन बिल्डिंगों को जांचरही है, जहां इस तरह के बोर्ड लगे हैं।
पुलिस को ओमपुरवा इमली के पेड़ के पास एक मकान मिला जिस पर आवासीय परिसर बताते हुए नजूल की विवादित जमीन में अवनीश के सहयोगी जीतेश झा, सोनाली, कमल और सुधीर का नाम सामने आया है। ये चारों अधिवक्ता हैं। वहीं पुलिस को एक और मकान मिला है, जिसमें अवनीश और उसके फोटोग्राफर दीपक कुमार का बोर्ड लगा मिला है।
वहीं पुलिस ने आनंदेश्वर एसोसिएट्स के पार्टनर की तलाश कर उनकी संपत्तियों का ब्यौरा और उनका इतिहास भी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। वहीं कोर्ट से मिले 12 लोगों के एनबीडब्ल्यू पुलिस ने तामील कराना शुरू कर दिया है। एसआईटी पुलिस बल के साथ आरोपियों के घर छापेमारी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि नामजद और कुछ तथाकथित पत्रकार एक रसूखदार की जानकारी में होटलों में छिपे हुए हैं।
नया प्रकरण बता पोर्टल पर चलाया पुराना वीडियो
रेलवे की जमीन पर कब्जा करने का विरोध करने पर कथित पत्रकार ने महिला के घरेलू विवाद का पुराना वीडियो ताजा मामला बताते हुए पोर्टल पर प्रसारित कर दिया। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर जूही पुलिस ने कथित पत्रकार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
जूही साईंपुरवा कच्ची बस्ती निवासी सुमरिता ने बताया कि वर्ष 2020 में उसका व उसकी बहनों का विवाद ननद उर्मिला व सुनीता से हुआ था, जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
विवाद का वीडियो कुछ समय पहले नई सोच हिंदुस्तान पोर्टल चैनल के कथित पत्रकार सोनू गुप्ता ने ताजा प्रकरण बताते हुए चैनल व विभिन्न न्यूज ग्रुपों में प्रसारित कर दिया, जों जांच में निराधार पाया गया। आरोप है कि कथित पत्रकार घर के पास खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर कब्जा करना चाहता है, जिसका क्षेत्रीय लोगों ने विरोध किया था। जिसके बाद से कथित पत्रकार उनसे रंजिश रखने लगा था।