कानपुर आईआईटी में तेंदुए के भोजन के सबूत तलाश रहे अधिकारी
कानपुर, संवादपत्र । आईआईटी में तेंदुए की तलाश बारिश के बाद जटिल हो गई है। बारिश की वजह से तेंदुए के पदचिन्ह हल्के हो गए हैं। हांलाकि कुछ नए निशान मिले हैं। टीम में शामिल अधिकारी अब तेंदुए के भोजन के निशान तलाशने में लग गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि संस्थान परिसर में जिस जगह पर पदचिन्ह मिले हैं वहां पर उसके भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसे में तेंदुए का बचकर निकल भागना मुश्किल है।
आईआईटी कानपुर के जंगल में तेंदुआ आ गया है। वन विभाग की टीम ने दो पिंजड़े लगाए हैं लेकिन आठ दिन बाद भी वन विभाग की टीम तेंदुए को नहीं पकड़ नहीं कर सकी है। तेंदुआ पिंजड़े तक आकर लौट गया है। अब कानपुर चिड़ियाघर की टीम को तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करके पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तेंदुआ कम उम्र का है, उसका वजन 60 से 65 किलो तक हो सकता है। चिड़ियाघर के विशेषज्ञों ने तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए जाल बिछा दिया है। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों की टीम ने 40, 50, 60 और 80 किलो के वजन के हिसाब डोज बनाया है।
तेंदुए की मौके पर मूवमेंट देखकर उसके वजन के मुताबिक डोज का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया गया कि ट्रैंकुलाइजर गन से 70 मीटर की दूरी से निशाना लगाया जा सकता है। टारगेट साइट से 50 मीटर की दूरी रखी जाती है।