कानपुर, संवादपत्र । सीएसजेएमयू में फेल छात्र को पास किए जाने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में एक कर्मचारी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मामले की विश्वविद्यालय में जांच की जा रही है। इस घटना का खुलासा होने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में फेल को पास और अंक बढ़ाने वाला गिरोह सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है।
विश्वविद्यालय में फेल छात्र को पास करने का मामला 27 जुलाई को हुई एक घटना के बाद खुला। इस दिन छात्र सहायता प्रकोष्ठ में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने प्रशासनिक अधिकारी को बताया कि चार्ट रूम में एक लिफाफा गिरा मिला है। इस लिफाफे में वर्ष 2013 की सारणीयन पंजिका का एक पन्ना रखा था।
इसके बाद लिफाफे के भीतर रखे चार्ट के पृष्ठ में किए गए संशोधनों का जब अपडेशन माड्यूल से मिलान किया गया तो पाया गया कि नवाब कंपाउंड, टेलीग्राफ रोड निवासी बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र नेहाल हुसैन रिजवी का वर्ष 2013 का अंक परीक्षाफल माड्यूल में अंकित परीक्षाफल से भिन्न है। संशोधन के बाद नेहाल हुसैन चार्ट में उत्तीर्ण अंकित है, जबकि रिजल्ट अपडेशन माड्यूल में वह फेल है।
मामले की जांच में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जगदीश पाल द्वारा लिफाफा चार्ट रूम में रखे जाने की बात स्वीकार की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से संदेह जताया गया कि जगदीश पाल ने छात्र-छात्राओं के अंकों को कूटरचित रूप से संशोधित किया है। आरोपी कर्मचारी के साथ अन्य लोगों के भी इस तरह के काम में शामिल होने की संभावना है। कर्मचारी जगदीश पाल के खिलाफ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार ने कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
प्रकोष्ठ में 52 साल की अंक तालिकाएं व डाटा बेस सुरक्षित
विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्र सहायता प्रकोष्ठ में छात्र-छात्राओं के अंकों से संबंधित वर्ष 1968 से वर्ष 2020 तक की सारणीयन पंजिकाएं (गोपनीय रिकार्ड) भौतिक व डिजिटलाइज डाटाबेस के रूप में सुरक्षित हैं। इन डाटा व सारणीयन पंजिका के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उपाधि, प्रमाणपत्र, अंकपत्र, माइग्रेशन सहित अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।