कानपुर, संवादपत्र । स्मार्ट सिटी परियोजना में कराए गए 500 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों की जांच के लिए मंडलायुक्त अमित गुप्ता को कमेटी का गठन करना है। यह कमेटी ही प्रत्येक कार्य की गुणवत्ता की जांच करेगी। साथ ही यह भी देखेगी कि जो ठेके दिए गए वे मानक के अनुरूप थे या नहीं। परियोजना में जो सामान खरीदे गए उनकी गुणवत्ता की साथ ही टेंडर प्रक्रिया को भी जांचा जाएगा।
इन सबके बीच ही अब एक नया मामला सामने आया है जो आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर से जुड़ा है। इस कॉरिडोर का काम स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहा है। कार्य से जुड़े अधिकारी इस बात से परेशान हैं कि कहीं सीवर लाइन के ऊपर बनाई गई सड़क उनके लिए गले की फांस न बन जाए।
इस सीवर लाइन की वजह से ही वीआईपी रोड पेट्रोल पंप से मंदिर तक बनी सीसी रोड में कई जगहों पर दरार पड़ी। छह माह पहले जब दरार पड़ी थी तो किसी तरह इस गलती को दबा दिया गया था और दरार को भर दिया गया था पर अब विस्तृत जांच होने जा रही है तो मामला खुलने का डर हर किसी को लग रहा है।
आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर का काम छह करोड़ रुपये से हुआ है। पेट्रोल पंप से मंदिर तक नाले को ढंकने के साथ ही दीवालों पर भी पत्थर लगाए गए हैं। साथ ही सीसी रोड और पार्किंग का काम हो रहा है। दूसरे चरण में मुख्य गेट से नदी के अंदर से एलिवेटेड सड़क बनाई जानी है। उसी पर सेल्फी प्वाइंट और आरती स्थल भी बनना है। प्रथम चरण के काम में ही अनियमितता सामने आ चुकी है।
सड़क में अब भी कई जगहों पर दरार देखी जा सकती है। इसके साथ ही फूलबाग में नानाराव पार्क और चिल्ड्रेन पार्क को जोड़ने के लिए बनाया गया फुट ओवरब्रिज भी गले की फांस बन सकता है। इस फुट ओवरब्रिज की कोई उपयोगिता ही नहीं है। इस पर भिखारी रात दिन आराम करते दिख जाएंगे।
फिलहाल नगर निगम ने मंडलायुक्त को उन कार्यों की सूची भेज दी है जो स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन मंडलायुक्त कर सकते हैं। इसमें केडीए के मुख्य अभियंता , पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता और आईआईटी के विशेषज्ञों को शामिल किया जा सकता है।