कानपुर, संवाद पत्र। जिला पंचायत बोर्ड की सदर तहसील में हुई बैठक में बिजली, पानी और जर्जर सड़कों की समस्या का समाधान नहीं होने पर सदस्यों का गुस्सा फूट पड़ा। अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगाते हुए सदस्यों ने पिछली बैठक के स्वीकृत काम भी पूरे नहीं कराने पर नाराजगी जताई।
हंगामे के बीच अगले वित्तीय वर्ष के लिए 32 करोड़ के विकास कार्यों के प्रस्ताव पास किए गए। अध्यक्ष स्वप्निल वरूण ने अधिकारियों को तय समय में काम पूरे नहीं होने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। बोर्ड बैठक शुरू होते ही सदस्यों ने अपनी समस्याएं बतानी शुरू कर दीं। घाटमपुर मकरंदपुर के सदस्य शिवनाथ निषाद ने कहा कि आसपास के क्षेत्रों में टंकी बन गई हैं, लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है। लेकिन उनके यहां टंकी का काम लटका है।
अध्यक्ष ने इस मामले में कार्यदायी संस्था से जवाब तलब और कार्रवाई करने को कहा। परास-इटर्रा के बीच जर्जर सड़क पर भी सदस्यों ने आक्रोश जताया। कई सदस्यों ने कहा कि विभागों की बैठक में उन्हें बुलाया नहीं जाता है। अध्यक्ष ने बीएसए से कहा कि स्कूलों में पत्र भेजकर बैठक में सदस्यों को बुलाना सुनिश्चित करें। चौबेपुर क्षेत्र के सदस्य ने बताया कि अधिकारियों के फोन नहीं उठते हैं।
बिधनू के सदस्य ने कहा अटवा में इंदिरा आवास में करीब 40 परिवार रहते हैं, पर आज तक बिजली नहीं है। सदस्यों ने कहा कि हर साधन सहकारी समिति में 5-5 लाख के कृषि उपकरण आए हैं, लेकिन कबाड़ हो रहे हैं। उनके रखरखाव के लिए टिनशेड बनवाया जाए। सदस्यों ने गोशाला में मरने वाले गोवंशों के अंतिम संस्कार का मुद्दा उठाते हुए कहा किसी विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी जाए।
बैठक में बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा, बिल्हौर विधायक राहुल सोनकर बच्चा, भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार कुशवाहा मौजूद रहे। दोनों विधायकों ने अधिकारियों को सदस्यों की समस्याएं प्राथमिकता पर दूर करने को कहा। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि अगर विभागों से सहयोग न करने की शिकायत आगे भी मिली तो दंडित कराऊंगी।