कानपुर, संवादपत्र । होंडा सिटी कार की मांग पूरी न करने पर शादी के दो माह बाद बहू की दहेज हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई।
राजकुमार अग्रवाल ने अपनी छोटी बेटी आशा की शादी फीलखाना थानाक्षेत्र के चटाई मोहाल स्थित द्वारिकाधाम अपार्टमेंट निवासी विष्णु अग्रवाल के साथ 8 फरवरी 2019 को की थी। राजकुमार के मुताबिक शादी के कुछ समय बाद ही ससुरालीजन दहेज में होंडा सिटी कार की मांग करने लगे थे।
असमर्थता जताने पर ससुरालीजन बेटी के साथ मारपीट करते और उसे भूखा रखते थे। 13 अप्रैल 2019 को बेटी की मौत की जानकारी मिली। उन्होंने पति, ससुर समेत ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज अधिनियम व दहेज हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। मामला अपर सत्र न्यायाधीश श्रद्धा त्रिपाठी की कोर्ट में विचाराधीन था।
एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने पति विष्णु अग्रवाल व ससुर महेश कुमार अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एडीजीसी के मुताबिक कोर्ट ने पिता व पुत्र को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की कैद व 30-30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।