कानपुर, संवादपत्र । 3 साल बाद ग्रीनपार्क स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच मिला है, लेकिन तैयारियां कम और पत्रावलियां ज्यादा दौड़ाई जा रही हैं। सबसे ज्यादा जोर दर्शक क्षमता बढ़ाने पर है, मैच नहीं मिलने के पीछे यही प्रमुख कारण बताया गया था। पीडब्ल्यूडी ने पिछली रिपोर्ट में स्टेडियम की दर्शक क्षमता 22,230 बताई थी, जो अब नई रिपोर्ट में 18 हजार ही रह गई है। इस हिसाब से बीते 2 साल में 4 हजार दर्शक क्षमता घट गई है। इसकी वजह घटिया रखरखाव है।
यूपी क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने ग्रीनपार्क स्टेडियम में लगातार घटती दर्शक क्षमता को मैचों की मेजबानी न मिलने का कारण बताया था और स्टेडियम की क्षमता 15 हजार से कुछ अधिक होने की बात कही थी। हालांकि इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने दर्शक क्षमता 22,230 बताते हुए रखरखाव सही से नहीं होने पर सवाल उठाए थे। इस संबंध में प्रमुख सचिव खेल आलोक कुमार की सख्ती पर कमिश्नर अमित गुप्ता ने पीडब्ल्यूडी से स्टेडियम की जांच कराई।
अब विभाग के सहायक अभियंता राहुल सिंह ने कमिश्नर को दी रिपोर्ट में बताया है कि विभिन्न बालकनी और स्टॉल की जर्जर स्थिति के कारण दर्शक क्षमता 18 हजार ही बची है। पवेलियन, स्टॉल, बालकनी की मरम्मत करने पर दर्शक संख्या बढ़कर 22,330 हो जाएगी।
लेकिन कुल क्षमता 30,135 फिर भी नहीं पहुंचेगी, जो कि स्टेडियम में वास्तविक दर्शक क्षमता है। स्टेडियम में 4 हजार दर्शकों के और बैठने का इंतजाम करने के लिए टूटी कुर्सियां बदलवानी पड़ेंगी, जिस पर 50 लाख रुपये खर्च आएगा। 27 सितंबर से बांग्लादेश से टेस्ट मैच को देखते हुए दर्शक क्षमता बढ़ाने का काम तेजी से करना होगा।
सी-बालकनी और स्टॉल पर अभी नहीं हुआ फैसला
पीडब्ल्यूडी अभियंताओं ने स्टेडियम की सी-बालकनी और सी-स्टॉल को खतरनाक बताते हुए जांच करने से इंकार कर दिया था। उनके अनुसार आईआईटी ही यहां जांच करके दर्शकों के बैठने पर फैसला दे सकती है। पीडब्लयूडी की रिपोर्ट के अनुसार सी-बालकनी की हालत बहुत खराब है। पिलर में दरारें हैं और छतों से सरिया दिख रही हैं।