कानपुर, संवादपत्र कहते हैं, जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है, वह किसी न किसी माध्यम से मदद जरूर करता है। ऐसा ही एक वाक्या उर्सला अस्पताल में हुआ। यहां दूसरे डॉक्टर के अधीन भर्ती लावारिस मरीज का डॉ. आशीष मिश्रा ने न सिर्फ इलाज किया, बल्कि अपने पास से धन देकर कूल्हा प्रत्यारोपण किया।
45 वार्षिय राजेश सैनी का हादसे का शिकार होने पर कूल्हा क्षतिग्रस्त हो गया था। 11 जुलाई को उसे लावारिस मरीज के रूप में उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राजेश को डॉ.आरएन यादव के अधीन एनबी-वन वार्ड के 17 नंबर बेड पर भर्ती किया गया। बुधवार को वार्ड में राउंड लेने वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ.आशीष मिश्रा पहुंचे तो उन्होंने राजेश की समस्या जानी।
उसने चलने-फिरने में असमर्थता व तेज दर्द बताया। जांच करने पर कूल्हे में समस्या मिली। इस पर डॉ.आशीष ने कूल्हा प्रत्यारोपण कराने को कहा। लेकिन पता चला कि राजेश सैनी लावारिस जीवन व्यतीत कर रहा है। उसका कोई परिजन नहीं है।
इस पर डॉ.आशीष मिश्रा ने अस्पताल के निदेशक डॉ.एचडी अग्रवाल को अवगत कराने के बाद गुरुवार को टीम के साथ मरीज का कूल्हा प्रत्यारोपण किया। कूल्हा प्रत्यारोपण की प्लेट व इप्लांट उन्होंने पास से खरीदकर मरीज को लगाई। यही नहीं, डॉ.आशीष मिश्रा ने मरीज के लिए एक महीने तक भोजन और फल आदि की भी व्यवस्था की। उर्सला अस्पताल के निदेशक ने डॉक्टर व उनकी टीम के सेवा भाव की सराहना की।