नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) के सदस्यों ने पदोन्नति में कथित देरी के विरोध में सोमवार को जेएनयू परिसर में 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की। भूख हड़ताल और पदोन्नति में देरी के आरोप पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जेएनयूटीए से जुड़े विभिन्न विभागों के एक दर्जन से अधिक प्रोफेसर ‘स्कूल ऑफ लैंग्वेज’ के मैदान में धरने पर बैठे। धरना स्थल पर पोस्टर लगाए गए, जिन पर ‘‘पदोन्नति कड़ी मेहनत से मिलती है’’ और ‘‘पदोन्नति का इंतजार’’ जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ‘करियर प्रोन्नयन योजना’ (सीएएस) के तहत पदोन्नति चुनिंदा तरीके से दी गई और 2016 से कई मामलों में इसमें देरी की गई।
जेएनयूटीए अध्यक्ष मौसमी बसु ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वर्तमान में 130 से अधिक संकाय सदस्यों के सीएएस आवेदनों पर कार्रवाई नहीं की गई है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रशासन लंबित पदोन्नतियों को मंजूरी दे और उन वर्षों के लिए मुआवजा प्रदान करे, जब उन्होंने पदोन्नति के बिना काम किया।