वाशिंगटन। एक उम्र पर कुछ लोगों के लिए और पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए शारीरिक कसरत की शुरुआत अपने पैरों की उंगलियों को छूने से होती है पर कई वर्षों बाद हमें यह पता चलता है कि एक्सरसाइज के बाद स्ट्रेच करना बेहतर होता है। सुनने में हालांकि दोनों चीजें सही लग सकती हैं लेकिन अलग-अलग सलाह भ्रम पैदा करने का काम करती है।
स्ट्रेचिंग आपको अधिक लचीला बनाने, अपने जोड़ों को अधिक सक्रिय बनाने और आपको बेहतर महसूस कराने में मदद करती है। कनाडा के सेंट जोन्स स्थित मेमोरियल यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूफाउंडलैंड में मानव गतिविज्ञान के शोधकर्ता डेविड बेहम ने स्ट्रेचिंग कब करनी चाहिए और कैसे इसे सुरक्षित तरीके से किया जाए इस पर प्रकाश डाला है।
पहले वार्म अप करें
‘द साइंस एंड फिजियोलॉजी ऑफ फ्लेक्सिबिलिटी एंड स्ट्रेचिंग’ के लेखक बेहम ने कहा कि स्ट्रेच करना हमेशा अच्छा होता है लेकिन अगर आप पहले वार्मअप कर लें तो बेहतर होता है। बेहम पांच या 10 मिनट के लिए दौड़ लगाने, चलने या फिर साइकिल चलाने जैसी हल्की एरोबिक गतिविधि करने की सलाह देते हैं।
अगर दर्द हो तो न करें
बेहम ने कहा, “व्यायाम करने के बाद हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग ठीक है। आप स्ट्रेचिंग तब तक कर सकते हैं जब तक आपदर्द महूसस नहीं करते।” जब आपको लगे कि आपकी मांसपेशियां काफी हद तक स्ट्रेच हो चुकी हैं तब स्ट्रेचिंग रोक दें क्योंकि ज्यादा स्ट्रेचिंग से आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं। खेल से पहले करें
थोड़ा स्ट्रेच
बेहम ने कहा कि अगर आप कोई खेलने वाले हैं तो उससे पहले स्ट्रेचिंग आपकी मांसपेशियों व जोड़ों की चोट के खतरे को कम करने में मदद करती है। उन्होंने कहा, “अगर आप कोई बहुत तीव्र गतिविधियां, दिशा में बदलाव या फिर कोई ऐसी कोई एक्सरसाइज करने जा रहे हैं, जिसमें आपक मांसपेशियां और जोड़ सीधे तौर पर शामिल हैं तो आपको स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए।” लोग तब परेशानी का शिकार होते हैं जब वे किसी ऐसे खेल में वापसी करते हैं, जिसे वे पहले खेला करते थे फिर चाहे वह टेनिस हो, तैराकी हो या कोई भी टीम गतिविधि। शरीर के दोनों हिस्सों को समान रूप से स्ट्रेच करें क्योंकि एक तरफ स्ट्रेचिंग से दूसरी ओर चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।