गोंडा, संवादपत्र । अगस्त महीने मे राजस्व मामलों के निस्तारण में जिले की डीएम को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। डीएम नेहा शर्मा ने अपने कोर्ट पर निर्धारित लक्ष्य 30 वादों को सापेक्ष 76 मामलों का निस्तारण कर यह उपलब्धि हासिल की है। उनकी सफलता का प्रतिशत 253.33 प्रतिशत रहा है।
जिलाधिकारी के न्यायालयों में फाइलों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए शासन ने अगस्त महीने मे प्रत्येक जिले के डीएम को कम से कम 30 मामलों के निस्तारण का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य के सापेक्ष जिले की डीएम नेहा शर्मा ने अपने कोर्ट पर राजस्व से संबंधित कुल 76 मामलों का निस्तारण कर रिकॉर्ड कायम किया। डीएम की सफलता का प्रतिशत 253.33 रहा। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर की गई अगस्त माह की समीक्षा में बदलते गोण्डा की यह तस्वीर उभर कर सामने आई है। डीएम न्यायालय का यह प्रदर्शन अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।
समयबद्ध सुनवाई और त्वरित निस्तारण की प्राथमिकता से मिली सफलता
नेहा शर्मा ने जून 2023 में जिले की डीएम बनाई गयी थी।उन्होने अपनी टीम के साथ मिलकर न्यायालय में लंबित वादों के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाया। इस विशेष अभियान में अंतर्गत वादों की समयबद्ध सुनवाई और त्वरित निस्तारण को प्राथमिकता दी गई। इस पहल के चलते न्यायालय में लंबित वादों के निस्तारण में न सिर्फ तेजी आई बल्कि राजस्व मामलों के लंबित रहने की समस्या में भी कमी आई है। प्रदेश में पहला स्थान मिलना जिले के लिए यह उपलब्धि बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि राजस्व वादों का त्वरित निस्तारण नागरिकों को लंबे समय तक न्याय की प्रतीक्षा से बचाता है। जिले में वादों का निस्तारण जल्दी होने से नागरिकों को काफी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में वादों का निस्तारण त्वरित और न्यायपूर्ण तरीके से किया जाना प्राथमिकता है। जनपद के सभी राजस्व न्यायालयों में इसी लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों के अच्छे परिणाम भी नजर आ रहे हैं। शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए टीम वर्क के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया है- नेहा शर्मा, डीएम