फर्रुखाबाद, संवादपत्र । गंगा नदी का जलस्तर पांच सेमी कम होने के बाद भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा का जलस्तर जरूर कम हुआ, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां कम नहीं हुई है।
बुधवार की सुबह गंगा नदी मे नरौरा बांध से 62189 क्यूसेक बिजनौर 45254 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा नदी का जलस्तर पांचालघाट पर 136.70 मीटर दर्ज किया गया। जो मंगलवार की अपेक्षा 5 सेमी कम है। गंगा नदी के जलस्तर में आंशिक कमी आने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली है। लेकिन मुश्किलें अभी भी बरकरार है।
खेतों मे पानी भरे होने से पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे की समस्या हो रही है। पिछले चार दिनों से उफान मार रही गंगा नदी की बाढ़ पानी खेतों से होते गांवों मे घुस गया। बुधवार को गंगा नदी के जलस्तर मे आंशिक कमी दर्ज की गई। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। लेकिन कुछ गांवों मे बाढ़ का पानी भरे होने से लोगों मे बीमारियां उल्टी, दस्त, पेट दर्द, खाज, खुजली, बुखार आदि फैल रहे है।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य टीमों को बाढ़ प्रभावित गांवों जाकर दवाइयां वितरित करने के निर्देश दिए है। तहसील प्रशासन द्वारा आधा दर्जन से अधिक गांवों को आवागमन के लिए नाव उपलब्ध कराई गई है। संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने से आशा की मड़ैया, मंझा की मड़ैया, अंबरपुर, जुगराजपुर, जगतपुर, कलट्टरगंज की बगिया आदि गांवों के लोग पानी से होकर आवागमन करने को मजबूर है।
वहीं रामगंगा नदी मे खोह, रामनगर, हरेली से 9306 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा नदी का जलस्तर 135.20 मीटर पर दर्ज किया गया है। जो पिछले दिन से 5 सेमी कम है। एसडीएम अतुल कुमार सिंह ने बताया बाढ़ पीड़ितों के लिए आई राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित गांवों मे भेजकर पीड़ितों को बंटवाई जा रही है। जिससे लोगों के सामने खाने पीने की समस्या उत्पन्न न हो पाए।