स्वास्थ्य , संवाद पत्र । डायबिटीज के हर 4 में से 1 मरीज में हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है. डायबिटीज और हार्ट डिजीज दोनों ही गंभीर बीमारी हैं. आज के समय में ये समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसका विशेष कारण गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल हैं, जिसकी वजह से लोग इन समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में इसके पीछे का कारण जानना जरूरी है. आइए जानते हैं।
आज के समय में डायबिटीज और हार्ट डिजीज दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याएं बन चुकी हैं. खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट के कारण कई लोग डायबिटीज और हार्ट डिजीज का शिकार हो जाते हैं. आज की तेज जिंदगी में लोग अपनी हेल्थ का ध्यान नहीं रखते है और उन्हें ये समस्याएं हो जाती हैं. बड़े-बुजुर्ग से लेकर युवा पीढ़ी तक इन बीमारियों से ग्रस्त हो रही है. आंकड़ों के अनुसार, हर चार डायबिटीज के मरीजों में से एक को हार्ट डिजीज का जोखिम होता है, जो कि एक गंभीर स्थिति है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज का ज्यादा खतरा होता है।
हमारे शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन होता है जो शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है. जब शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन का निर्माण नहीं होता या ये हॉर्मोन ठीक तरह से काम नहीं करता, तो ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज होती है. डायबिटीज दो तरह की होती है. पहली, टाइप 1 डायबिटीज जो की एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इसमें इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को नष्ट कर देता है. दूसरी, टाइप 2 डायबिटीज है. ये समस्या मोटापा, अन्हेल्थी डाइट और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज का खतरा अधिक होता है. आइए जानते हैं, इसका कारण क्या है.
क्या है कारण?
डायबिटीज से हार्ट डिजीज होने के कई कारण हैं. जब ब्लड में शुगर लेवल लंबे समय तक बढ़ा रहता है, तो ये शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है, खासकर हार्ट और उससे जुड़ी नसों को. ऐसे में हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिजीज का खतरा अक्सर युवा उम्र में बढ़ जाता है. धूम्रपान, शराब, हाई ब्लड प्रेशर, बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल, किडनी डिजीज, एक्सरसाइज न करना या हार्ट डिजीज में फैमिली हिस्ट्री होना, इसके अन्य कारणों में शामिल हैं. आइए अब जानते हैं, इससे बचाव कैसे करें।
कैसे करें बचाव?
अपने ब्लड शुगर लेवल को रेगुलर्ली मॉनिटर करें और उसे कंट्रोल रखें.
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें।
बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करें और गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाएं।
शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम फैट वाले प्रोटीन फूड्स का सेवन करें।
रोजाना एक्सरसाइज करें।