नई दिल्ली। देश में भारत बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के खिलाफ आज कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इसके अलावा बसपा और आरजेडी जैसी कई पार्टियों ने भी इसका समर्थन किया है।
दरअसल, दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर ये बंद बुलाया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक लिस्ट जारी की है।
आज भारत बंद बुलाने का मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे वापस लेने की मांग करना और सरकार पर दबाव डालना है। बिहार के भोजपुर में भारत बंद के समर्थन में विभिन्न दलों के नेताओं ने आरा रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम किया। मैसूर रानी कमलापति सहरसा ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस मौजूद है।
पटना में बंद के समर्थकों पर लाठीचार्ज
उच्चतम न्यायालय के अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के निर्णय के विरोध में दलित संगठनों की ओर से आज आहूत एकदिवसीय भारत बंद के दौरान बिहार की राजधानी पटना में पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी वहीं प्रदर्शनकारियों ने आरा, दरभंगा और मधुबनी में ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया।
पटना में बुधवार को प्रदर्शनकारी महेंद्रू से डाकबंगला चौराहा पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग किया। लेकिन, प्रदर्शनकारियों के नहीं मानने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी।
समस्तीपुर से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, बंद समर्थकों ने समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा एवं मधुबनी समेत विभिन्न स्थानों पर रेल ट्रैक को जाम कर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया। इधर आरक्षण बचाव संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर शहर के जिला समाहरणालय के पास मुख्य मार्ग को जाम किया, जिसके कारण समस्तीपुर-दरभंगा और समस्तीपुर-पटना मुख्य मार्ग पर घंटों यातायात बाधित रहा। समस्तीपुर जिला परिषद् के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ दलित नेता संजय राम के नेतृत्व में जिले के पटोरी के चंदन चौक पर भी मुख्य मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया गया।
राम ने कहा कि देश में दलितों को आपस में लड़ाकर आरक्षण छीनने की साज़िश चल रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा। आरा में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी संख्या 01663 रानी कमलापति-सहरसा एक्सप्रेस को रोक दिया। प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, औरंगाबाद में बाजार बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों के साथ मार पीट की।
भारत बंद का बिहार में मिलाजुला असर, जहानाबाद में पांच प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए
जहानाबाद/मधेपुरा/मुजफ्फरपुर। बिहार में विभिन्न दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत भारत बंद का कई हिस्सों में मिलाजुला असर दिखा। बिहार में केंद्रीय कॉन्स्टेबल चयन बोर्ड (सीएसबीसी) कई जिलों में पुलिस की विभिन्न इकाइयों में सिपाही पद के लिए बुधवार को भर्ती परीक्षा भी आयोजित कर रहा है। जहानाबाद जिले में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-83 (एनएच-83) पर यातायात अवरुद्ध किया और इस दौरान उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हुई।
जहानाबाद नगर थाना के अवर निरीक्षक हुलास बैठा ने पत्रकारों को बताया, “ऊंटा मोड़ के पास एनएच-83 पर यातायात अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।” उन्होंने बताया कि बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को एनएच-83 से हटाकर यातायात बहाल किया गया, हालांकि इस दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प भी हुई।
पुलिस के मुताबिक, मधेपुरा और मुजफ्फरपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर यातायात को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें तुरंत प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटर इंक्लूसिव अलायंस) में शामिल कई अन्य दलों ने विभिन्न दलित एवं आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।
आरक्षण को लेकर भारत बंद का झारखंड में मिलाजुला असर
भारत बंद का व्यापक असर झारखंड के गिरिडीह में देखा जा रहा है। सुबह से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ता बंद कराने के लिए सड़कों पर उतर गए। वाहनों का परिचालन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। गिरिडीह बस स्टैंड से लंबी दूरी की चलने वाली गाड़ियां नहीं खुली। इसकी वजह से यात्रियों को वापस लौटना पड़ा है।
बंद के कारण सार्वजनिक परिवाहन की बसें सड़कों से नदारद रहीं और स्कूल भी बंद हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हड़ताल के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपना पलामू का दौरा रद्द कर दिया है। अजा-अजजा के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के पिछले एक अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है।
संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी। राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल- ने बंद को समर्थन दिया है। वामपंथी दलों ने भी बंद का समर्थन किया है।
राज्य के कुछ हिस्सों में गठबंधन के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में सड़कों पर भी उतरे। रांची और राज्य के अधिकतर हिस्सों में स्कूल बंद हैं। सार्वजनिक परिवहन की कई बसें बस अड्डे पर खड़ी दिखाई दीं। लंबी दूरी की बस सेवाओं के ठप होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खादगढ़ा बस अड्डे पर परिवहन का इंतजार करते हुए एक यात्री विनोद रवानी ने कहा, ‘‘मुझे आज जरूरी काम से गिरिडीह जाना है। लेकिन बसें नहीं चल रहीं। मुझे इस घटनाक्रम के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी।’’ अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
भारत बंद : ओडिशा में सड़क, रेल सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित
‘भारत बंद’ के कारण ओडिशा में बुधवार को रेल तथा सड़क यातायात आंशिक रूप से बाधित रहा। पुलिस ने बताया कि सरकारी कार्यालयों, बैंक, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य रूप से कामकाज हो रहा है।
गृह विभाग ने मंगलवार को एक संदेश में कहा, ‘‘…राज्य सचिवालय और मुख्य विभागों की इमारतों में काम कर रहे विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को सुबह साढ़े नौ बजे तक कार्यालय पहुंचने की सलाह दी जाती है।’’ ओडिशा में राज्य सचिवालय, मुख्य विभागों की इमारतों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।
भुवनेश्वर और संबलपुर में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका जबकि विभिन्न मार्गों पर यात्री बसें नहीं चलीं। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए और राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कई सड़कें अवरुद्ध कर दीं। प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय के लिए भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर विशाखा एक्सप्रेस रोक दी।
उन्होंने संबलपुर में खेत्ररजपुर स्टेशन पर संबलपुर-पुरी और संबलपुर-रायगडा ट्रेनें भी रोक दीं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पटरियों से हटाया, जिसके बाद रेल संचालन बहाल हुआ। कटक, संबलपुर, बोलांगीर, मल्कानगिरी, सुंदरगढ़, क्योंझर और अन्य स्थानों से भी सड़कें अवरुद्ध होने की खबरें मिली हैं।
गौरतलब है कि एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ बुधवार को देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने न्यायालय के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी।
राजस्थान के कई जिलों में ‘भारत बंद’ का असर
जयपुर। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का राजस्थान में मिला जुला असर देखा गया। राजधानी जयपुर के साथ साथ अजमेर सहित अनेक शहरों में प्रमुख बाजार बंद हैं और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में कम रहा। प्रशासन ने जयपुर सहित अनेक जिलों में स्कूल- कॉलेज में एहतियातन छुट्टी की घोषणा की है। यह ‘बंद’ सुबह नौ बजे शुरू हुआ और राज्य के अनेक जिलों में इसका असर रहा।
प्रमुख बाजारों में दुकानें नहीं खुलीं। अनेक जगह रोडवेज की बस नहीं चलने से लोगों को परेशानी हुई। जयपुर की सड़कों पर भी अपेक्षाकृत कम वाहन दिखे। ‘बंद’ का आह्वान करने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं। पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं। जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने आयुक्तालय के सभी थाना क्षेत्रों में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए परामर्श जारी किया है।
इसके तहत पुलिस अधिकारियों से कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने को कहा गया है ताकि किसी भी प्रकार की भ्रामक बातें एवं अफवाह न फैलें। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने अपने सभी वाहनों के सुरक्षित संचालन के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
निगम की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रेया गुहा ने बताया कि भारत बंद के मद्देनजर सभी मुख्य प्रबंधक, प्रबंध संचालकों और यातायात प्रबंधकों को मुख्यालय पर ही उपस्थित रहने के लिए पाबंद किया गया है। एससी-एसटी के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर उच्चतम न्यायालय के पिछले एक अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी।
मध्य प्रदेश सरकार का अधिकारियों को निर्देश : ‘भारत बंद’ शांतिपूर्ण हो
भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश दिया है कि वे बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर कुछ समूहों द्वारा आहूत दिन भर के ‘भारत बंद’ के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भारत बंद को समर्थन दिया।
मंगलवार रात जारी एक परिपत्र में, राज्य के गृह विभाग ने भोपाल और इंदौर के पुलिस आयुक्तों के अलावा सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी को भारत बंद के दौरान अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ देश भर के 21 संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने न्यायालय के फैसले का विरोध किया और कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने एक अगस्त को कहा कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्ग बनाने वाली अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्यों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के ‘‘मात्रात्मक और प्रदर्शन योग्य आंकड़ों के आधार पर उप-वर्गीकरण करना होगा, न कि सनक और राजनीतिक लाभ के आधार पर।’’
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं एससी एसटी के बीच वर्गों के विभाजन के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में भारत बंद का समर्थन करता हूं और सभी से सहयोग की अपील करता हूं।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है।