लखनऊ, संवादपत्र : मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि और इस्कान मन्दिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार की कड़ी निंदा की है। दोनों संतों ने एक स्वर से मांग की कि बांग्लादेश के असुरक्षित हिन्दुओं को भारत में शरण दी जाए। महंत देव्या गिरि ने मुख्यमंत्री की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं के नरसंहार एवं मन्दिरों को तोड़े जाने की कड़े शब्दों में भर्त्सना की तथा हिन्दुओं की एकता का आह्वान किया।
देव्यागिरि ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया किया कि बांग्लादेश में सत्ता का तख्ता पलट होने के बाद वहां के हिन्दुओं को निमर्मतापूर्वक मारा-काटा और लूटा जा रहा है लेकिन हमारे देश के हिन्दू चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे मुस्लिम भाई फिलिस्तीन के पक्ष में तो खुलकर आवाज उठाते हैं, लेकिन बांग्लादेश के मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के जो पूर्वज हैं, वे मुस्लिम भाइयों के भी पूर्वज हैं, उन्हें अपने हिन्दू भाइयों पर अत्याचार पर दर्द क्यों नहीं हो रहा है।
लखनऊ इस्कान मन्दिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने अराजक तत्वों द्वारा बांग्लादेश में मन्दिर तोड़े जाने की निन्दा करते हुए कहा कि श्रील प्रभुपाद ने धर्म से अलग हट करके सभी इंसानों में ईश्वर को देखते हुए यह शिक्षा दी कि धर्म से ऊपर उठकर हमें मानवता का धर्म उठाना चाहिए। बांग्लादेश में लगभग दो लाख लोगों को प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था उसी मन्दिर द्वारा की गयी थी, जिसको अग्नि के हवाले कर दिया गया। यह निन्दनीय कृत्य है जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निन्दा होनी चाहिए।
पत्रकार वार्ता में अन्य संतों उदासीन आश्रम के महंत धर्मेन्द्र दास ने विश्व के सनातनियों से एकजुट होने का आह्वान किया। चैतन्य मिशन लखनऊ के महन्त स्वामी कौशिक चैतन्य ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार की निंदा की। वरिष्ठ खिलाड़ी असित सिंह ने बंगलादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की तथा ऐसे अराजक तत्वों से देश में भी सावधान रहने को कहा।