मिला आपत्तिजनक वीडियो, विदेश यात्रा की डिटेल खंगाल रही पुलिस
कानपुर, संवाद पत्र। सिविल लाइंस में नजूल की करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्जे के प्रयास में गिरफ्तार पूर्व प्रेसक्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए हैं। सूत्रों के अनुसार अवनीश का एक आपत्तिजनक वीडियो पुलिस को मिला है जो थाइलैंड का है। यह अवनीश के एक बेहद करीबी ने पुलिस को दिया है। पुलिस को ये भी जानकारी मिली है कि शातिर सटोरिया गिरिजा शंकर शिवहरे अवनीश और उसके परिवार को सऊदी अरब टूर पर ले गया था।
पुलिस को ये भी जानकारी हुई है कि शराब सिंडिकेट का एक संचालक भी अवनीश को कई बार विदेश टूर ले गया था। ये भी पुलिस की जांच के घेरे में आ चुका है। इसके अलावा एक व्यक्ति कुछ दिन पहले ही विदेश से लौटे हैं, उन पर भी पुलिस की नजर है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि अवनीश का पासपोर्ट 2021 में खत्म हो गया था, जबकि उसके बाद अवनीश ने विदेश यात्रा की है। अब पुलिस अवनीश से उस दूसरे पासपोर्ट की जानकारी कर रही है, जिस पर उसने विदेश यात्रा की है। एक सफेदपोश व्यक्ति ने 25 लाख रुपये आनंदेश्वर एसोसिएट्स में निवेश किए थे।
पुलिस इसकी भी जानकारी कर रही है। वह नामचीन व्यक्ति लखनऊ से लेकर दिल्ली तक तमाम माननीय की चौखट पर पहुंचकर अपने को बचाने में जुटा है। सूत्रों ने बताया कि अवनीश मामले में कानपुर से लेकर हाईकोर्ट तक अधिवक्ताओं का एक गुट पैरवी कर रहा है। अवनीश की गाड़ियां किसके नाम हैं और वे किसने फाइनेंस कराई है, इसकी भी जानकारी की जा रही है।
सीडीआर में 50 अधिक संदिग्ध नंबर मिले
पुलिस को रिमांड के दौरान सीडीआर से 50 संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस ने सूची लेकर पूछताछ शुरू की है। पूछताछ में सामने आया है कि जमीन कब्जा में पूंजीपतियों, अधिवक्ता और सत्ताधारी नेताओं का एक बड़ा सिंडीकेट उसका सहयोग कर रहा था। पुलिस को जानकारी हुई है कि अवनीश ने मौके से महज 45 मिनट के भीतर 72 फोन कॉल की थीं। ये सभी लोग जमीन कब्जा कांड से जुड़े हुए हैं। रिमांड पर डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह की निगरानी में 5 इंस्पेक्टर, 2 एसीपी की टीम अवनीश से 8-8 घंटे में पूछताछ कर रही है।
पूंजीपति, अधिवक्ता और सत्ताधारी का सिंडीकेट
पुलिस ने रिमांड पर लेने से पहले ही 250 सवालों की सूची तैयार कर रखी थी। पुलिस के अनुसार अवनीश दीक्षित को पूंजीपतियों, अधिवक्ताओं और सत्ताधरी नेताओं के सिंडीकेट से जमीन कब्जाने के लिए संरक्षण मिल रहा था। जमीन में पूंजीपतियों का पैसा लगना था, अधिवक्ताओं ने कानपुर से लेकर हाईकोर्ट तक इस नजूल की संपत्ति को क्लीयर कराने का ठेका लिया और सत्ताधारी नेताओं ने मामले को मैनेज कराने का भरोसा दिलाया था। जमीन कब्जाने के मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।