कानपुर, संवादपत्र । संजीव दीक्षित के दो ठिकानों और सुनील शुक्ला के यहां छापेमारी के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो अंडरग्राउंड आरोपी 25 हजार के इनामी अवनीश के बेहद करीबी फोटो जर्नलिस्ट अभिनव शुक्ला उर्फ मोंटी और जितेश झा इनके घरों पर छिपे हैं। इसके साथ ही जमीनों के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज इनके यहां रखे गए हैं। अब पुलिस इन दोनों को संरक्षण देने वालों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस देगी।
अवनीश के करीबी और जमीन कब्जा कांड के बाद भूमिगत हुए जितेश झा और क्रिस्टल पार्किंग में वसूली समेत तीन मुकदमों में नामजद अभिनव शुक्ला की तलाश में पुलिस लगातार छापे मार रही है। पुलिस को सूचना मिली थी कि संजीव दीक्षित के घर में दोनों छिपे हैं। इस पर वहां छापेमारी की गई।
संजीव दीक्षित के पुराने मकान के हिस्से में ताला लगा था और वहां नीचे के हिस्से में किराएदार रहते हैं। किराएदारों ने बताया कि काफी दिनों से संजीव दीक्षित यहां नहीं आया है। एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार के अनुसार पुलिस को जानकारी हुई कि उसका सिविल लाइंस में भी एक घर और उसी में ऑफिस है। इस पर वहां भी फोर्स पहुंचा पर ताला लटकता मिला।
बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस देगी पुलिस
एडीसीपी के अनुसार पुलिस को दोनों फरार आरोपियों के बारे में जानकारी मिली है कि अवनीश दीक्षित को फंडिंग करने के अलावा यह लोग उसे संरक्षण भी दिए थे। दोनों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया जाएगा। पुलिस कमिश्नर के अनुसार ऐसी सूचना मिली है कि अवनीश की विदेश यात्रा की फंडिंग भी इन्हीं लोगों ने की थी।
फार्म हाउस की थी असलहा वाली फोटो
पुलिस के अनुसार अवनीश दीक्षित और अन्य की असलहा के साथ जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। वह इन्हीं के फार्म हाउस की थी। जांच में पता चला है कि अवनीश या उसकी पत्नी प्रतिमा के नाम पर कोई शस्त्र लाइसेंस नहीं है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के अनुसार असलहा किसका था और अवनीश के पास क्या कर रहा था। फार्म हाउस में असलहों का प्रदर्शन क्यों किया जा रहा था। इन सभी मुद्दों पर इनके बयान दर्ज किए जाएंगे।