सुलतानपुर, संवाद पत्र परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो जिले के छह संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के दिन बहुरेंगे। भाजपा सरकार ने संस्कृत विद्यालयों को भी मुख्य धारा में लाने के लिए तमाम कवायदों में जुटी है। दो साल के इंतजार के बाद शासन ने प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पहली किश्त 56.56 लाख रुपए जारी कर दी है। बजट मिलने के बाद संस्कृत स्कूलों को स्मार्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
शासन ने वर्ष 2022-23 में अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए प्रोजेक्ट अलंकार योजना शुरू की। इसके तहत 50 साल से अधिक समय से अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को 95 फीसदी अनुदान शासन को देना है, जबकि पांच फीसदी धनराशि प्रबंध तंत्र खर्च करेगा। योजना के तहत पठन-पाठन का बेहतर माहौल देने के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था, विद्यालयों मे बेहतर पेयजल, वाटर कूलर की स्थापना, बहुउद्देश्यीय हाल व कक्षा कक्ष, अच्छे शौचालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, बैडमिंटन व वॉलीबाल कोर्ट की स्थापना, चहारदीवारी, साइकिल स्टैंड, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, रेनवाटर आदि संसाधन विकसित किए जाने है।
इन विद्यालयों का होगा कायाकल्प
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में संस्कृत पटल देख रहे आशीष ओझा ने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत जिले के छह स्कूलों को कुल 1.41 करोड़ रुपए मिलेंगे। अभी पहली किश्त 40 प्रतिशत धनराशि ही जारी की गई है। इसमें श्री हनुमत संस्कृत माध्यमिक विद्यालय विजेथुआ सूरापुर को 9,24,160 रुपए मिले हैं। इसके अलावा श्री सीताराम संस्कृत माध्यमिक विद्यालय दियरा 9,48,100 रुपए, भुवनेश्वरी प्रताप संस्कृत माध्यमिक विद्यालय कुड़वार 9,46,960 रुपए, श्री रामजानकी संस्कृत माध्यमिक विद्यालय सुंदरपुर मेवपुर 9,46,200 रुपए, बाबा विश्वनाथ संस्कृत माध्यमिक विद्यालय मरूई कृष्णदासपुर 9,45,820 रुपए और आदर्श गौरीशंकर संस्कृत माध्यमिक विद्यालय रसवादा शहाबुद्दीनपुर को 9,45,060 रुपए मिले हैं।
डीआईओएस रविशंकर ने बताया कि संस्कृत विद्यालयों को अलंकार योजना के तहत कायाकल्प के लिए छह संस्कृत विद्यालयों का चयन हुआ है। पहली किश्त जारी होने के बाद स्कूलों को यह धनराशि भेजी जा रही है। इससे संस्कृत स्कूलों का कायाकल्प कराया जाएगा।