नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने वियतनामी समकक्ष फाम मिन्ह चिन्ह के साथ व्यापक वार्ता की जो दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने पर केंद्रित थी। चिन्ह मंगलवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह का गर्मजोशी से स्वागत किया।” उन्होंने वार्ता से पहले कहा, “भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक बढ़़ाने के लिए ठोस चर्चा एजेंडे में है।”
पिछले कुछ वर्षों में भारत और वियतनाम के बीच सामरिक संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। पिछले साल जुलाई में भारत ने दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार पर साझा चिंताओं के बीच बढ़ती द्विपक्षीय सामरिक और रक्षा साझेदारी को दर्शाते हुए अपना सेवारत मिसाइल जंगी पोत आईएनएस कृपाण वियतनाम को उपहार में दिया था। यह पहली बार था जब भारत ने किसी मित्र विदेशी देश को पूरी तरह से चालू जंगी पोत सौंपा।
आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन) का एक महत्वपूर्ण देश वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है। भारत के पास दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल अन्वेषण परियोजनाएं हैं। भारत और वियतनाम पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।