हिमाचल: बादल फटने की घटना में मरने वालों की संख्या हुई आठ, लापता 45 लोगों की खोज के लिए अभियान जारी

By Sanvaad News

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने ड्रोन तैनात किये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। बुधवार रात तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक बाढ़ आने के बाद मंडी के राजबन गांव से दो शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं और मलाणा में करीब 25 पर्यटकों की स्थानीय लोग अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं। तीन और शव बरामद होने से कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में अचानक आई बाढ़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड के जवान ड्रोन की मदद से अभी भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बात की।

सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि लोगों को बचाना राज्य की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और यह भी कहा कि उन्हें अगले तीन महीनों के लिए किराये के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे, साथ ही रसोई गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी क्योंकि कई प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सुक्खू ने कहा कि मानसून का मौसम खत्म होने के बाद आपदा प्रभावित पीड़ितों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।

सुक्खू ने कहा कि बुधवार रात से बादल फटने से 115 मकान, 23 गौशालाएं, 10 दुकानें और तीन मछली फार्म नष्ट हो गए हैं, इसके अलावा मोटर वाहन चलने योग्य पुल, पैदल पुल और वाहन भी नष्ट हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी कुल्लू जिले के बागीपुल/निरमंड क्षेत्र में आपदा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।

उन्होंने स्थिति को “गंभीर और दर्दनाक” बताते हुए आश्वासन दिया कि प्रशासन प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए तत्परता से काम कर रहा है। बुधवार रात श्रीखंड महादेव मार्ग के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बान नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके बाद रामपुर में 30 से अधिक लोग लापता हो गए। शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अचानक आयी बाढ़ के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खड्ड में पानी बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लापता हो गए।

उन्होंने कहा कि अब तक मंडी के राजबन गांव में पांच शव मिले हैं- जिनमें से दो की पहचान अमन (9) और आर्यन (8) के रूप में हुई है – और कुल्लू के निरमंड में एक शव मिला है, जबकि रामपुर में दो लोगों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए हैं। लापता लोगों के संबंधी घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं। हर बीतते घंटे के साथ उम्मीद धूमिल होती जा रही है। इस संबंध में एक शोकाकुल महिला ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘मेरे ससुर और सास का शव मिल गया है, लेकिन मेरे बेटे, मेरे देवर, उनकी पत्नी और उनके छह वर्षीय बेटे तथा दो माह की बेटी का अब भी कुछ पता नहीं चला है।’’

वहीं, एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि जब वह चीख-पुकार सुनकर बाहर आया तो उसने देखा कि अचानक आई बाढ़ में मकान बह गए हैं। उसने कहा, ‘‘मौत के डर से हम सब रात भर जगे रहे। हम सुरक्षित रहने के लिए एक पहाड़ पर चढ़ गए थे।’’

कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना स्थल पर फंसे 33 लोगों को बृहस्पतिवार की रात और शुक्रवार की सुबह एनडीआरएफ तथा होम गार्ड के दलों ने बचा लिया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन कठिन है तथा हर साल ऐसी आपदाएं उनके दर्द को बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य को राहत दी जाएगी। मैं हिमाचल प्रदेश के लिए मदद के वास्ते नयी दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों में भी जा रही हूं और जल्द ही राज्य का दौरा करूंगी।’’

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें आपदा में हुए जानमाल के नुकसान से अवगत कराया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंडी में 46, कुल्लू में 38 और शिमला में 15 सहित कुल 115 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि निगम ने कुल 3612 मार्गों में से 82 पर बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के दस जिलों में छह अगस्त तक भारी बारिश, गरज और चमक के साथ बारिश का शुक्रवार को ‘येलो’ अलर्ट जारी किया। विभाग ने साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका, तेज हवाओं के कारण बागानों और खड़ी फसलों तथा मकानों को नुकसान पहुंचने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका के बारे में भी आगाह किया है।

वहीं, राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश जारी रही। कसोल में 33 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सियोबाग में 19 मिलीमीटर, हमीरपुर में 11 मिलीमीटर, मनाली में 10 मिलीमीटर, नाहन में 7.2 मिलीमीटर, नादौन और बिलासपुर में 7-7 मिलीमीटर, जुब्बड़हट्टी में छह मिलीमीटर, धर्मशाला, सोलन और केलांग में 3-3 मिलीमीटर तथा मंडी और चंबा में 2-2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में हल्की बारिश हुई। लाहौल एवं स्पीति का कुकुमसेरी रात में सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना दिन में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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