हल्द्वानी, संवादपत्र । मित्र पुलिस का हाल ऐसा है कि एक व्यक्ति के साथ सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी हो जाती है। पीड़ित महीने-दर-महीने पुलिस के चक्कर काटता रह जाता है और 21 महीने गुजर जाते हैं। चौकी से लेकर थाने और थाने से लेकर एसएसपी तक उसे आश्वासन तो मिलता है, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं होता। अंत में उसे न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है और मजबूर होकर पुलिस को भी मुकदमा दर्ज करना पड़ता है।
ठगी का शिकार हुए मुखानी थानाक्षेत्र के कुसुमखेड़ा निवासी दीपक चंद्र सती का कहना है कि शुक्रवार रात न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने इंद्रानगर बनभूलपुरा निवासी सुहैल सिद्दीकी उर्फ बंटी और काठगोदाम निवासी सुहैल अहमद के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर की है।
दीपक ने तहरीर में लिखा, आरोपी सुहैल सिद्दीकी और सुहैल अहमद को वह जानता है। आरोपियों ने अपने एक रिश्तेदार को सचिवालय देहरादून का कर्मी बताया। भरोसा दिलाने के लिए यह भी कहा कि वह पुलिस के लिए भी काम करता है और उसकी सरकारी नौकरी लगवा देगा। आरोपियों ने एक लाख 65 हजार रुपये मांगे।
पीड़ित ने 19 अक्तूबर 2022 को रुपये रिश्तेदार के खाते में ऑनलाइन जमा करा दिए। कई महीनों के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो पीड़ित ने रुपये वापस मांगे तो आरोपी टाल-मटोल करने लगे और फिर धमकाने लगे। 18 जनवरी 2024 को उन्होंने काठगोदाम पुलिस को लिखित शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 27 अप्रैल 2024 को एसएसपी कार्यालय में शिकायत दी, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई। मदद न मिलने पर कोर्ट में अपील की। काठगोदाम थानाध्यक्ष विमल मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।