हरदोई। समाजवादी पार्टी के पूर्व ज़िलाध्यक्ष के इशारे पर फौजदारी के जाने-माने अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या भाड़े के शूटरों से कराई गईं थी, इसके लिए 4 लाख की सुपारी दी गई और एडवांस के तौर पर एक लाख 40 हज़ार रुपये पहले दिए गए थे। वारदात को अंजाम देने के लिए होटल व्यवसाई के घर में बैठ कर प्लान बनाया गया था।
एसपी नीरज कुमार जादौन ने हाई प्रोफाइल हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि अधिवक्ता की हत्या करने वाले शूटर को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान दबोच लिया गया है, जबकि उसके अगले दिन सपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह उर्फ वीरे यादव,होटल व्यवसाई शिखर गुप्ता और ठेकेदार नृपेन्द्र त्रिपाठी व आदित्य भान सिंह को गिरफ्तार करते हुए बाकी आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
मीडिया से रू-ब-रू हुए एसपी जादौन ने बताया कि 30 जुलाई (मंगलवार) की देर शाम को अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की उनके चैंबर में घुस कर कनपटी पर गोली मार कर हत्या कर दी गईं थी, उसके अगले दिन 31जुलाई (बुधवार) को अधिवक्ता के छोटे भाई हर्ष मेहरोत्रा की तहरीर पर केस दर्ज करते हुए गहराई से छानबीन शुरू कर दी गई थी।
एसपी के मुताबिक वारदात के खुलासे के लिए 7 टीमें तैयार की गई, साथ ही स्वाट/सर्विलांस और एसओजी टीमें भी लगाई गई थी। पुलिस टीमों ने कई सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और उनके डीसीआर खंगाले,जिसमें तमाम क्लू हाथ आए,उसी के तहत पुलिसिया जांच-पड़ताल और तेज़ कर दी गई। गुरुवार की देर शाम पुलिस से हुई मुठभेड़ में अधिवक्ता की हत्या करने वाले शूटर नीरज पुत्र संतराम निवासी झरोइया कोतवाली शहर को दबोच लिया गया।
उसके बाद शुक्रवार की सुबह पूर्व सपा ज़िलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह उर्फ वीरे यादव पुत्र नत्थूलाल निवासी बरगदापुर थाना अरवल,आदित्य भान सिंह पुत्र राजवर्धन सिंह निवासी सराय थोक पश्चिमी कोतवाली शहर, नृपेन्द्र त्रिपाठी पुत्र रामकृष्ण निवासी रामनगर कालोनी लखनऊ रोड कोतवाली शहर और शिखर गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता निवासी धर्मशाला रोड रफी अहमद चौराहा कोतवाली शहर को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने बताया कि वीरेंद्र सिंह उर्फ वीरे यादव, आदित्य भान,शिखर गुप्ता व नृपेन्द्र त्रिपाठी को रामू महावत निवासी जोगीपुर कोतवाली शहर से अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या के लिए 4 लाख की सुपारी दी थी। उन्होंनें आगे बताया कि रामू महावत ने जोगीपुर निवासी रामसेवक उर्फ लल्ला पुत्र गोकरन,राजवीर पुत्र प्रधानी व नीरज से वारदात को अंजाम देने के लिए राज़ी किया और इसके लिए वीरे यादव व नृपेन्द्र त्रिपाठी ने 50-50 हज़ार, आदित्य ने 40 हज़ार रुपये एडवांस दिए थे,जबकि शिखर गुप्ता ने अपने हिस्से के रुपये काम होने के बाद देने को कहा था।
वारदात वाले दिन रामू,रामसेवक उर्फ लल्ला,राजवीर और नीरज ने जोगीपुर में पूरा प्लान बनाया,वहां से निकल कर पहले शराब पी,उसके बाद आदित्य की पल्सर बाइक से अधिवक्ता के घर पहुंचें, वहां राजवीर बाइक के पास बाहर खड़ा रहा और नीरज व रामसेवक उर्फ लल्ला अंदर गए, वहां क्लर्क गिरीश चन्द्र से अधिवक्ता से मिलने को कहा, जैसे अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा अपने चैंबर में पहुंचे, उसी बीच उन्हे गोली मार दी और भाग निकले। वहां से निकलने के बाद तीनों शाहजहांपुर रोड पर हरि नाई की दुकान पर पहुंचे और वहां अपना हुलिया बदलने के लिए बाल बनवा कर फरार हो गए। इस दौरान एसपी ने हरि नाई को भी सामने बुलाया,उसने बताया कि तीनों ने उसकी दुकान पर बाल बनवाए थे।