हरदोई, संवादपत्र । उन्नाव के रहने वाले ठग ईडी के अफसर बनकर एक निजी कंपनी पहुंचे। जहां घोटाले की जांच के दौरान एक डिलीवरी ब्वाय के ऊपर 10 लाख का घोटाला करने का आरोप लगाया। फर्जी ईडी अफसरों ने डिलीवरी ब्वाय की पिटाई की और उसे जबरदस्ती अपनी कार से उठा ले गए। अफसरों ने उससे आफत से बचनें के लिए 2 लाख रिश्वत मांग की। जिसके बाद कैसे न कैसे इंतजाम कर उस डिलीवरी ब्वाय ने 93 हजार रुपए का इंतजाम कर उसे दे दिया। बाद में चला की वह ठगी का शिकार हो गया है।
बेनीगंज कोतवाली के चिंता खेड़ा निवासी रवि कुमार पुत्र शिवकुमार ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि वह एक निजी कंपनी में डिलीवरी ब्वाय है। 27 जुलाई को कंपनी के मैनेजर वरुणेश वर्मा ने उसे फोन कर आफिस बुलाया। जहां तीन लोग पहले से बैठे हुए थे। उन्होंनें खुद को ईडी और विजिलेंस अफसर बताया था। जिसके बाद उसके ऊपर 10 का घोटाला करने का आरोप लगाया। रवि के इंकार करने पर पहले उसकी वहीं पिटाई की और फिर उसे जबरदस्ती अपनी गाड़ी से उठा ले गए। बचनें के लिए उससे दो लाख रुपये मांगे की। जिसके बाद उसने उन्हें 93 हज़ार रुपए दिए, लेकिन उसके बाद उसने सच्चाई सामने लाने के लिए पुलिस को तहरीर दी।
एसएचओ सण्डीला विजेंद्र सिंह ने मामले की गहराई से जांच शुरु कराई। जिसके बाद फर्जीवाड़े का मामला सामने आया। एसआई रामानंद मिश्रा ने हेड कांस्टेबिल बलराम, हेड कांस्टेबिल राम आसरे ने उन्नाव जिले के मोतीनगर कोतवाली शहर के निवासी अजय कपूर पुत्र राजकुमार, शौर्य जायसवाल पुत्र महेंद्र प्रकाश और कोतवाली के कैथियाना निवासी निखिल वर्मा पुत्र संतोष कुमार को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 93 हजार पांच सौ रुपए और एक वैगन-आर कार बरामद की है। फिलहाल सारे मामले की जांच की जा रही है।