हाइकोर्ट ने गैंगेस्टर के मामले में दी गयी निचली अदालत के फैसले रद्द करते हुए उनको बरी कर दिया है।
अफजाल अंसारी के हाईकोर्ट से बरी होने के बाद उन के आवास मोहम्मदाबाद के फाटक पर खुशियाँ मनाई गयी और मिठाइयाँ बाँटी गयी l
गौरतालाब हो की अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 की गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गयी थी।इसके बाद अफजाल अंसारी ने हाइकोर्ट में अपील की और वहां से उनको जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं मिली थी l इसके बाद अफजाल अंसारी सुप्रीम कोर्ट गये और वहां से उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गयी थी लेकिन सजा से राहत नहीं मिली।सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट को मामले के निस्तारण का आदेश दिया और सोमवार को हाइकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है और अफजाल अंसारी को बरी कर दिया है।
बारी होने के बाद अफजाल अंसारी ने जीत के बाद अपनी प्रतिक्रिया दिया और कहा कि मेरे माथे पर काला टीका लगाने का जो प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है।मुझे इसपर गर्व है।
संसद की कार्यवाही में भाग लेने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मुझे कल भी नहीं रोका गया था लेकिन मैंने फैसला किया था कि फैसला आने के बाद सत्र में भाग लूंगा और आज दिल्ली निकल रहा हूं।
उन्होंने कहा कि समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था।29 अप्रैल 2023 की निचली अदालत के फैसले के बाद अपने षड्यंत्र में उनको सफलता मिली।आज हमें राहत नहीं मिली है बल्कि इंसाफ मिला है।सजा को रद्द किया गया है।गाजीपुर कोर्ट का आदेश गलत था दोषपूर्ण था इसलिए रद्द कर दिया गया।एक सवाल के जवाब में अफजाल अंसारी ने कहा कि पूरे चुनाव के दौरान गाजीपुर को जनता को गुमराह किया गया कि अफजाल अंसारी का टिकट सपा काट देगी।इन सब कठिनाइयों को सपा के कार्यकर्ताओं और गाजीपुर की जनता ने झेला।बहुत लोग गुमराह हुए लेकिन इस अनुपात में नहीं हुए की लोकसभा का परिणाम बदल सकें।चार जून की मतगणना के बाद मैं भारत का वह बदनसीब सांसद हूं जिसे सदन में शपथ लेने से रोका गया।उन्होंने कहा कि वो लोकसभा स्पीकर का धन्यवाद करते हैं की उन्होंने सारी बात को समझा और उनको शपथ दिलायी।उन्होंने कहा कि अफजाल अंसारी का दामन कल भी साफ था और आज भी साफ है।आज के फैसले से सभी गरीबो का चेहरा खिला है जो निचली अदालत के फैसले से डरे थे।आज सावन के पवित्र महीने में दूसरे सोमवार को फैसला आया है।अफजाल अंसारी के साथ सभी समाज की दुआ थी।भोलेनाथ के दरबार मे जल चढ़ाने वालों ने चिल्ला-चिल्ला कर उनके लिये प्रार्थना की है जो आज कबूल हुई है।