लखनऊ, संवाद पत्र। सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। लोगों की मान्यता है कि इन दिनों में भगवान शिव की भक्तिभाव से आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पौराणिक कथा की माने तो समुद्र मंथन के दौरान जब दुनिया का सबसे जहरीला जहर कालकूट निकला तो देव और दानव दोनों उससे प्रकोप में आ गए थे और कोई भी उस जहर को लेने के लिए तैयार नहीं था। इसके साथ ही विष से चारों ओर हाहाकार मच गया था।
दसों दिशाएं इस विष के प्रकोप में आ गई थी और जलने लगी थी। देव, दानव, ऋषि-मुनि सभी इसकी गरमी से जल रहे थे।तब सभी लोग मिलकर महादेव के पास गए और उनसे पूरी सृष्टि को बचाने की प्रार्थना की। भगवान शिव को विष ग्रहण करने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद से ही इस माह को सावन माह कहा जाने लगा और लोगों को कष्ट निवारण के लिए यह माह भगवान शिव के नाम कर दिया गया।
भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में दूर-दूर से भक्त पहुंच रहे हैं। मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। ऐसा ही एक मंदिर है राजधानी लखनऊ का मनकामेश्वर मंदिर है। जिसकी ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यता है।जो मंदिर की वरिष्ठ पुजारी ने बताया कि सावन महाशिव पूजा के लिए सबसे उत्तम महीना माना जाता है। इस महीने को शिवमाह के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाए तो शिव की कृपा भक्तों के ऊपर जरुर बनाते हैं।
यह चीजें करें अर्पित
सावन मास में भगवान शिव की कथा सुनें और उनसे प्रेमपूर्वक प्रार्थना करें। उन्हें फल, फूल, विशेष पेय, पत्ते और गंगाजल अर्पित करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद प्राप्त होगें।
होती है मोक्ष की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति जरूर होती है. सावन माह में शिव का श्रद्धा पूर्वक जलाभिषेक करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
72 साल बाद बना दुर्लभ संयोग
इस साल सावन माह में 72 साल बाद दुर्लभ शुभ संयोग बना है। भगवान शिव को समर्पित सावन महीना 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक रहने वाला है. सावन मास में इस बार कुल पांच सोमवार पड़ रहे हैं। संयोग की बात यह है कि सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार वाले दिन ही खत्म हो रहा है।
किन योगों का हो रहा निर्माण
इस पावन और शुभ महीने में शुक्र आदित्य योग, नव पंचम योग, गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, कुबेर योग, शश योग बनेंगे, जो बेहद ही शुभ माने जाते हैं।