संवाद पत्र । हर फिल्म में हीरो और हीरोइन के अलावा विलेन का अहम रोल होता है. अगर फिल्म में विलेन दमदार न हो, तो हीरो की जीत में भी मजा नहीं आता है. 70-80 के दशक में एक एक्टर ने विलेन बनकर अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी. 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके उस एक्टर ने पिछले 10 में बस 2 ही फिल्में की हैं।
हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक ऐसे एक्टर रहे हैं, जिन्होंने अपनी विलेनगिरी से सभी का दिल जीत लिया. इन एक्टर्स को अपने खलनायक वाले रोल के लिए दर्शकों का काफी प्यार भी मिला. आज भी फिल्म बनाते वक्त मेकर्स विलेन को लेकर काफी सोच-विचार करते हैं. बीते कुछ सालों में एक बार फिर से विलेन फिल्मों के हीरो पर भारी पड़ते हुए नजर आए हैं. लेकिन इंडस्ट्री में एक ऐसा एक्टर भी है, जिसने बॉलीवुड का हिस्सा बनने के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी और अपने बेहतरीन काम से काफी सक्सेस भी देखी।
विलेन बनकर घर-घर में छाने वाला वो एक्टर कोई और नहीं बल्कि गोपाल सिंह बेदी उर्फ रंजीत बेदी हैं. 70 और 80 के दशक की कई फिल्मों में विलेन बने रंजीत का काफी खौफ देखने को मिला. रंजीत ने साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की है और उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन दिल्ली के हिंदू कॉलेज से की है. रंजीत की हमेशा से ही स्पोर्ट्स में काफी दिलचस्पी थी. वो स्कूल टाइम से ही फुटबॉल टीम के गोलकीपर के तौर पर अपनी कॉलेज टीम में खेला करते थे. फिल्म कंपेनियन के साथ एक बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि उनके गुरु को लगने लगा था कि वह उनकी बेटी पर लाइन मार रहे थे।