कोलकाता कांड से आक्रोशित रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में आए सीनियर डॉक्टर
लखनऊ, संवाद पत्र। कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना से आहत डॉक्टरों का आक्रोश शांत नहीं हो रहा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर शनिवार को रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ सीनियर डॉक्टर भी विरोध में आ गए। आईएमए के सचिव डॉ. संजय सक्सेना ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में आईएमए से जुड़े सरकारी और निजी अस्पतालों के करीब 5 हजार डॉक्टर शनिवार सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए हड़ताल पर हैं। चिकित्सा संस्थानों के ओपीडी में नए पंजीकरण नहीं हो सके। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं दी जा रहीं हैं।
केजीएमयू की ओपीडी में प्रदेश भर से रोजाना करीब 7 से 8 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से 5 हजार से अधिक नए पंजीकरण होते हैं। शनिवार को हड़ताल के चलते नए पंजीकरण नहीं हो सके। फॉलोअप के लिए आए मरीजों को डॉक्टरों ने देखा। इनमें से कई विधा के डॉक्टर भी ओपीडी में नहीं बैठे। पैथालॉजी बंद होने से जांचे नहीं हो सकी। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया। इस दौरान डॉक्टर हाथ पर काली पट्टी बांधे रहें।
हड़ताल के कारण केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई और कैंसर संस्थान सहित अस्पतालों में करीब 1 हजार ऑपरेशन टाल दिए गए। पैथालॉजी जांचे भी नहीं हुईं। सिविल अस्पताल में ओपीडी और पैथालॉजी पूरी तरह से बंद रही। वहीं, बलरामपुर अस्पताल में ओपीडी का संचालन सुचारू रूप से होता रहा। लोकबंधु अस्पताल में एक घंटे देरी से ओपीडी का संचालन शुरू हो सका।