लखनऊ, संवादपत्र । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी को हटाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री मनोहर लाल और दो विधायकों के फर्जी पत्र बनाकर सिफारिश की गई। उप सचिव प्रशासन संजीव श्रीवास्तव की तहरीर पर हजरतगंज थाने में गुरुवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई।
उप सचिव उत्तर प्रदेश प्रशासन संजीव श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि दो अगस्त को वित्त एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राज्य मंत्री श्रम एवं सेवायोजन विभाग मंत्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी) और आगरा की 87 छावनी विधानसभा के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश और बलरामपुर के विधायक पल्टू राम के फर्जी लेटर पैड बनाए जाने की बात सामने आई।
इन लेटर पैड का प्रयोग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समीक्षा अधिकारी अभिषेक कुमार को हटाने के लिए सिफारिश में किया गया। पत्र मिलने के बाद जब इस संबंध में विभागीय स्तर से जांच की गई तो लेटर पैड फर्जी होने की बात सामने आई।
मंत्रियों और विधायकों ने कहा नहीं भेजा कोई पत्र
उप सचिव ने पुलिस को बताया कि पत्र की जांच के सिलसिले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री श्रम मनोहर लाल, विधायक डॉ.जीएस धर्मेश और पल्टूराम के कार्यालय से जानकारी हासिल की गई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि लेटर पैड पर स्कैन किए हुए दस्तखत हैं। प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज विक्रम सिंह के मुताबिक उप सचिव संजीव श्रीवास्तव की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।