उन्नाव, संवादपत्र । पुरवा थाना के छत्ताखेड़ा गांव में रहने वाली एक महिला को शादी के बाद से ससुरालीजन इस कदर प्रताड़ित करते थे कि वह गांव में रहने वाले लोगों से रो-रोकर अपनी पीड़ा बयां कर रही थी, इतना ही नहीं उसने परेशान होकर कोतवाली में सास, देवरानी, भांजा, पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर तक कराई।
ससुरालीजनों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया। जिस पर उसने सीएम योगी के आवास के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया। वहीं एक दरोगा पर भी महिला ने गंभीर आरोप लगाये है।
अंजली की तीन साल पहले पुरवा थाना क्षेत्र के छत्ता खेड़ा गांव में रहने वाले देशराज के साथ शादी हुई थी, शादी के बाद से ससुरालीजन उसे अतिरिक्त दहेज को लेकर प्रताड़ित करने लगा। इतना ही नहीं कई बार उससे मारपीट भी हुई। उसने पूर्व में पुलिस को तहरीर देते हुये बताया था कि उसके ससुरालीजन घर में घुसने नहीं दे रहे हैं।
इतना ही नहीं उससे चार हजार की नकदी, मंगलसूत्र और मोबाइल भी लूट लिया। उसके साथ मारपीट करते हुये लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया। जिस पर पुरवा पुलिस ने आरोपी सास रामकुमारी, देवारानी शालिनी, भांजा निर्मल, पति देशराज के खिलाफ बीएनएस 2023 अधिनियम की धारा 85, 115 (2), 352, 351 (2) व दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 9 और 4 के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस ने पति और देवर के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेजा था।
दरोगा पर लगाये गंभीर आरोप
महिला के पास मिले बैग से मिले प्रार्थना पत्र में महिला ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे प्रार्थनापत्र में पुरवा थाने में तैनात दरोगा राजेश यादव पर गंभीर आरोप लगाये हैं। जिसमें उसने लिखा था कि दरोगा रिश्वतखोर है, सुसराल वालों से मिला होने के कारण उसको न्याय के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी, एसडीएम, सीओ से लगाई गुहार
ससुरालीजन की प्रताड़ना से परेशान पीड़िता ने लिये जिलाधिकारी उन्नाव, एसडीएम पुरवा, सीओ पुरवा तक गुहार लगाई। जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली लेकिन न्याय पाने के लिए उसे दर-दर भटकना पड़ रहा था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया है।
एक पत्रकार की भूमिका संदिग्ध
पुलिस जांच में पुरवा के एक पत्रकार की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, जिस पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। यदि मामले में उसकी संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।