लखनऊ‚ संवाद पत्र। पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल यात्रा गंगा से गोमती की यात्रा‚ लगभग 500 किलोमीटर की यह यात्रा अपने आने वाले भविष्य की यात्रा है।आप सभी के हिस्से की सांस की यात्रा है। ऐसा न हो कि आने वाले समय हमें अपने हिस्से की सांसे भी पैक करा कर चलनी पड़े।
अब समय आ गया जागने का हमारी आने वाली पीढ़ी बड़े ख़तरे में है। उनके लिए कुछ करने का उन्हें सचेत करने का की हम भौतिकता में इतने अंधे हो गए है। कि अपनी जीवनदायनी जल-वायु और ज़मीन के ही दुश्मन हो पड़े है। यह चेतना यात्रा सिर्फ़ मेरी या पंख उड़ान एक उम्मीद की ही यात्रा नहीं है‚ बल्कि अपने आने वाले कल की यात्रा है आइये जुड़िये इस यात्रा से। और कम से कम एक लोग को ही प्रेरित कीजिए। बस हमें छोटी–छोटी अदतों में बदलाव से शुरू करना है।
जैसे- एक पेड़ को गोद ले ले ।
- नहाने के लिए शावर का इस्तेमाल न करें।
- लोकल चलने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें।
- खेतों में प्रेस्टीसाइड का इस्तेमाल न करें।आदि
हम बदलेंगे जग बदलेगा।
आइए हम अपने अधिकारों , अपने पर्यावरण और अपने देश के लिए आवाज़ उठाएँ ! और पंख के इस अभियान में मानसिक रूप से जुड़ने के लिए इस पोस्ट को ज़रूर शेयर करें। ताकि यह यात्रा का हमारा लक्ष्य पूर्ण हो और हम अपनी चेतना यात्रा को एक क्रांति यात्रा में बदल सके।
मनप्रीत सिंह / अंशु बग्गा पंख उड़ान एक उम्मीद की।