वीरेन्द्र पाण्डेय/लखनऊ, संवादपत्र । एक व्यक्ति के अंगदान से आठ लोगों की जान बचाई जा सकती है। ऊतक दान से 75 लोगों की जिंदगी बदल सकती है, उनके जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है, लेकिन आज भी लाखों लोग लिवर, किडनी और हार्ट जैसे अंगों का दान कम होने की वजह से मौत के मुंह में समा जाते हैं।
हालांकि बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश की राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के संयुक्त निदेशक डॉक्टर राजेश हर्षवर्धन की मेहनत रंग ला रही है और लोग अंगदान को लेकर जागरूक हो रहे हैं। जिससे बहुत से लोगो की जिंदगी बच रही है।
इसी उद्देश्य और अंगदान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश के राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) के अस्पताल प्रशासन विभाग के सहयोग से “भारतीय अंगदान दिवस” (IODD) के अवसर पर कार्यक्रमों की एक व्यापक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा। जन जागरूकता के इस महाअभियान की शुरुआत 28 जुलाई से होगी। 7 दिन में अलग-अलग जगहों पर जन जागरूकता कार्यक्रम होंगे। 3 अगस्त को इस महाअभियान का समापन होगा। इसके अलावा इस महाअभियान के तहत ही 17 अगस्त को भी पुलिस मुख्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
अंगदान जागरूकता महाअभियान के तहत जानिए कहां और कब होगा कार्यक्रम
1. कार्यक्रमों की शुरुआत 28 जुलाई को 1090 चौराहा पर “अंगदान जन जागरुकता अभियान” थीम के तहत वॉकथॉन से होगी, जिसे पद्मश्री प्रोफेसर आर. के. धीमन और रुचिता चौधरी, आईपीएस द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य अंगदान के समर्थन में सभी वर्गों के लोगों को एकजुट करना है। वॉकथॉन में स्वास्थ्यकर्मी, छात्र और प्रमुख सार्वजनिक हस्तियाँ शामिल होंगी।
2- 29 जुलाई को कई शैक्षणिक संस्थानों में रील प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता और जागरूकता सत्र के साथ शपथ
ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
3. 30 जुलाई को अवध बार एसोसिएशन, उच्च न्यायालय, लखनऊ में एक जागरूकता सत्र और शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कानूनी बिरादरी को अंगदान के महत्व के बारे में संवेदनशील बनाना है।
4. 1 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक ऑनलाइन प्रतिज्ञा अभियान शुरू किया जाएगा।
5- 2 अगस्त को ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) द्वारा राज्य भर के प्रमुख पुरातात्विक स्मारकों को हरे रंग की रोशनी से रोशन किया जाएगा। यह उन जीवनों का उत्सव होगा जो बचाए गए हैं और उन निःस्वार्थ दाताओं को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने इसे संभव बनाया।
6. सप्ताह भर चलने वाली गतिविधियों का समापन 03 अगस्त को उत्तर प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों और प्रत्यारोपण समन्वयकों के लिए ब्रेन स्टेम डेथ घोषणा पर संगोष्ठी के साथ होगा।
इस संगोष्ठी में एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आर. के. धीमन, डीजीएमई, यूपी सरकार की किजल सिंह, आईएएस, एटीएस प्रमुख निलाब्ज चौधरी, आईपीएस और यूपी सरकार के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा उपस्थित रहेंगे।
SOTTO और इसका मिशन
उत्तर प्रदेश के लिए SOTTO की स्थापना राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (NOTP) के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में मानव अंगों और ऊतकों के हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण की प्रणाली को औपचारिक रूप देना है। इस पहल का उद्देश्य अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले मरीजों और अंगों की उपलब्धता के बीच की खाई को पाटना है, जिससे अनगिनत जीवन बचाए जा सकें।
भारतीय अंगदान दिवस का महत्व
भारतीय अंगदान दिवस हर साल मनाया जाता है, जो अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने, मिथकों और गलतफहमियों को दूर करने और नागरिकों को मृत्यु के बाद अंग और ऊतक दान करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस वर्ष, IODD का आयोजन 3 अगस्त को “अंगदान जन जागरूकता अभियान” थीम के तहत किया जाएगा, जो भारत के पहले मरणोपरांत अंग प्रत्यारोपण, जो 1994 में मानव अंग अधिनियम (THOA) के प्रवर्तन के बाद किया गया था, का सम्मान करेगा।
अंगदान का प्रभाव
चिकित्सा विज्ञान में प्रगति ने यह दिखाया है कि एक व्यक्ति के अंगदान से आठ लोगों की जान बचाई जा सकती है, और ऊतक दान से 75 लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार किया जा सकता है। इन प्रगतियों के बावजूद, प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले मरीजों और अंगों की उपलब्धता के बीच अभी भी एक बड़ा अंतर है। भारत में लगभग 200,000 मरीज प्रतिवर्ष लिवर विफलता या लिवर कैंसर से मर जाते हैं, जिनमें से 10-15% को समय पर लिवर प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता है। हालांकि, प्रत्येक वर्ष लगभग 1,500 यकृत प्रत्यारोपण किए जाते हैं, जबकि अनुमानित आवश्यकता 25,000 से 30,000 के बीच है। इसी प्रकार, प्रतिवर्ष लगभग 500,000 लोग हृदय विफलता से पीड़ित होते हैं, लेकिन केवल 10-15 हृदय प्रत्यारोपण ही किए जाते हैं।