रामपुर, संवादपत्र । उमस भरी गर्मी में लोगों को जीना मुहाल है। सुबह आठ से दो बजे तक स्कूलों का समय होने के कारण बच्चों को इस गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों के बीमार होने का खतरा बना रहता है।
जुलाई खत्म होने को है, लेकिन उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। सरकारी स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का है। कई स्कूलों में समय से बिजली नहीं आने के कारण बच्चे गर्मी से व्याकुल हो जाते हैं। उनके बीमार होने का खतरा बना रहता है। जिले के सभी संगठनों के शिक्षक नेता स्कूलों का समय बदलने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है। बच्चों को स्कूलों के समय में परिवर्तन होने का इंतजार है।
बोले शिक्षक नेता
उमस भरी गर्मी में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की तबियत बिगड़ रही है। समय पर बिजली भी नहीं आ रही है। बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालयों का समय प्रातः आठ से 12 बजे तक किया जाना चाहिए।-हेमलता सिंह, जिलाध्यक्ष, यूटा
उमस भरी गर्मी में बच्चे बेहोश हो जाते हैं या बुखार आ जाता है। विद्यालयों का समय प्रातः आठ से दोपहर दो बजे तक है, जो अव्यवहारिक है। जिलाधिकारी से स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर एक बजे करने का निवेदन किया गया है।-डॉ. राजवीर सिंह, जिलाध्यक्ष, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
उसम भरी गर्मी से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे दोपहर दो बजे तक स्कूल में रुकने में असहज महसूस कर रहे हैं। विद्यालय समय में बिजली आपूर्ति भी बाधित रहती है। इसलिए समय में परिवर्तन होना चाहिए।-रवेन्द्र गंगवार, जिलाध्यक्ष,राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
स्कूल का समय परिवर्तन कराने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं। उमस भरी गर्मी में बच्चों को काफी परेशानी होती है। स्कूल समय में कई बार बिजली चली जाती है। बच्चों को गर्मी में बैठना मुश्किल होता है।