लखनऊ, संवाद पत्र। रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार सावन के आखरी सोमवार यानी की 19 अगस्त का मनाया जाएगा, जो बहुत ही शुभ संयोग माना जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्तों को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधकर उनकी सलामती और खुशहाली की दुआ मांगती हैं। वहीं इसके बदले भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन पर कई दुर्लभ संयोग का निर्माण भी हो रहा है जैसे कि सर्वार्थ सिद्ध योग, शोभन योग, रवि योग, शश राजयोग के साथ श्रवण नक्षत्र रहेगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं और चंद्रमा के स्वामी भगवान शिव है। ऐसे में भर्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। ये शुभ संयोग 90 साल बाद इस रक्षाबंधन पर बन रहा हैं। इस दिन किस समय राखी बांधना अच्छा रहेगा।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त- दोपहर 1:24 से लेकर शाम 4:02 तक
दूसरा शुभ मुहूर्त- शाम के 6:40 से लेकर रात्रि 9:00 तक
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सावन के आखिरी सोमवार का व्रत रखकर सुबह शिव मंदिर में जाकर दोपहर 1:30 बजे जल तक चढ़ाएं। उसके बाद भाई बहन के अटूट प्रेम व सौहार्द का त्योहार रक्षाबंधन मनाएं। रक्षाबंधन पर बनने वाले यो बहुत शुभ माना जा रहा है। शोभन योग में किसी भी कार्य को शुरू करना बहुत ही शुभ माना जाता है, तो वहीं सर्वार्थ सिद्धि में किया हुआ कार्य काफी काफी फलता है। इसके अलावा रवि योग को समृद्धि और सुखदायक माना जाता है।