यूपी में टीचरों की नौकरी पर संकट! 69 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द, High Court ने दिया नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश

By Sanvaad News

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सामान्य श्रेणी की मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य में माइग्रेट करने के आदेश आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज करने का आदेश यथावत

संवाद पत्र, लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने इस सम्बंध में 13 मार्च 2023 के एकल पीठ के आदेश को संशोधित करते हुए, यह भी निर्णय दिया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा। 

न्यायालय ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप न करते हुए, तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्यवाही पूर्ण कर लेने को कहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उन्हें सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े।
      
यह निर्णय न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र पाल व अन्य समेत 90 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है। उक्त अपीलों में एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसमें एकल पीठ ने 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था।

क्या था एकल पीठ का आरक्षण के सम्बंध में निर्णय

एकल पीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि टीईटी में आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है क्योंकि टीईटी एक अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए उपयुक्त बनाता है। हालांकि एकल पीठ ने आगे कहा कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लिया है, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

खंडपीठ ने किया यह संशोधन

वहीं खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट के मार्क्स लाने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाए। न्यायालय ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। न्यायालय ने आरक्षण के सम्बंध में आरक्षण अधिनियम की धारा 3(6) सर्विस रूल्स 1981 के अपेंडिक्स एक का नई सूची बनाते समय पूर्णतया पालन किया जाए।

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