संवाद पत्र : राज्यसभा चुनावों में क्रास वोटिंग करने वाले सपा के सात बागी विधायकों पर पार्टी ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है। इसके पीछे की पार्टी की खास रणनीति मानी जा रही है।
न के तहत कार्रवाई की बात भी कही।
समाजवादी पार्टी अपने बागी 7 विधायकों पर कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रही है। यही वजह है कि बगावत के छह माह बाद भी उन पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को कोई अर्जी नहीं दी गई है। इसे विधायकों के सजातीय मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की सपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर का कहना है कि बागी विधायकों को बचने का कोई मौका न मिले, इसके लिए पुख्ता सुबूत जुटाए जा रहे हैं। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा के विधायक मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी और आशुतोष मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। इससे भाजपा के सभी आठ राज्यसभा प्रत्याशी जीत गए थे और सपा के दो प्रत्याशी ही राज्यसभा पहुंचे। तब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सत्ता पक्ष की ओर से मिले ”पैकेज” के चलते इन विधायकों ने पाला बदला। सपा ने इन विधायकों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की बात भी कही।