मुरादाबाद , संवाद पत्र । ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद डीआईजी मुनिराज जी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही मृतक मोनू के परिजनों से भी बात की है। परिजनों और ग्रामीणों ने डीआईजी के सामने दो मांगें रखी हैं। परिजनों ने घटना की निष्पक्ष जांच और आक्रोशित लोगों के खिलाफ कार्रवाई न हो इसकी मांग की है। परिजन शुक्रवार देर रात इन्हीं मांगों पर अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए थे। डीआईजी मुनिराज जी ने परिजनों को निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया है।
थाना क्षेत्र तरफ दलपतपुर गांव निवासी धर्मपाल का बेटा लोकेश उर्फ मोनू (25) ट्रैक्टर-ट्राली से मिट्टी डालने का काम करता है। लोकेश शुक्रवार तड़के 3 बजे ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खेत पर गया था। अवैध खनन की आशंका में पुलिस वालों ने अपनी गड़ी से उसका पीछा कर लिया। पुलिस से बचने के लिए लोकेश ट्रैक्टर भगाने लगा। इसी दौरान मोनू की ट्रैक्टर के पहियों के नीचे दबकर मौत हो गई। सुबह तक मोनू घर पर नहीं लौटा तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की।
इस दौरान रोड से नहर वाले रास्ते से 50 मीटर दूर खेत में ट्रैक्टर के टायर से कुचला हुआ मोनू का शव मिला। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के टायर से दबे शव को निकालकर पास ही सड़क पर रख दिया और पुलिस वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए हगामा शुरू कर दिया। सुबह 8:00 बजे सूचना पर पहुंची पुलिस पर ग्रामीण अवैध खनन को लेकर वसूली का पैसा नहीं देने पर सिपाही अनीस और नरेश समेत गाड़ी में सवार चार पुलिसकर्मियों पर मोनू की हत्या का आरोप लगाने लगे। धीरे-धीरे बेकाबू हुई भीड़ पुलिस वालों पर हमलावर हो गई। उग्र ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को लाठी-डंडों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
अनीस समेत कुछ पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर वर्दी फाड़ दी। सिपाही अनीस को टारगेट करके ग्रामीणों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। दो घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों में जमकर संघर्ष हुआ। बवाल के बीच पानी से भरे धान के खेत से भागकर पुलिसकर्मियों ने जान बचाई। वारदात में कई लोग जख्मी हुए है।