मुरादाबाद, संवादपत्र । कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) इन दिनों आंदोलन पर हैं। 14 अगस्त से अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (एएमएस) पर हाजिरी नहीं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी हाजिरी में थोड़ा परिवर्तन किया गया है। बदलाव के बाद अब इनकी हाजिरी में आंख का रेटिना स्कैन होने पर उपस्थिति दर्ज होती है। इसी बात का ये लोग विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में ये लोग तैनाती स्थल पर बुधवार को काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर हैं। लेकिन, वह न ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर रहे हैं और न ही हाजिरी दे रहे हैं।
उप्र एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के पूर्व प्रदेश महामंत्री मुकेश चौधरी और जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि जिले में 255 हेल्थ एवं वेलनस सेंटर है, जो 5,000 से लेकर 10,000 तक की आबादी क्षेत्र पर प्रत्येक सेंटर स्थापित है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्किंग की इतनी अधिक समस्या है कि ऑनलाइन पोर्टल पर काम करना तक मुश्किल रहता है। अब हाजिरी के लिए अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम (एएमएस) बदलाव कर दिया गया है। हाजिरी में आंख का रेटिना स्कैन होने पर उपस्थिति दर्ज होती है। इसी बात का ये लोग विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी अन्य मांगों में वेतन विसंगति और स्थानांतरण के बिंदु भी शामिल हैं।
एएमएस पोर्टल पर हाजिरी से लेकर नियमितीकरण, समान वेतन, ईएल की व्यवस्था, स्वेच्छिक स्थानांतरण से संबंधित मांगे हैं। जिनके लिए वह आंदोलन शुरू किए हैं। जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनके संगठन की तरफ से 17 अगस्त को मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र प्रांतीय इकाई ने दिया था। इसमें स्पष्ट किया था कि यदि उनकी मांगे 20 तक पूरी न हुईं तो वह लोग आंदोलन को विवश होंगे। इसलिए अब बुधवार से वह लोग ऑनलाइन स्ट्राइक कर रहे हैं और ड्यूटी पर आकर बांह में काली पट्टी बांधकर बैठे हैं। वह लोग आज से किसी भी ऑनलाइन पोर्टल पर काम नहीं करेंगे। यह क्रम 27 अगस्त तक जारी रहेगा, इसके बाद काली पट्टी बांधकर भी ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करते रहेंगे।
उप मुख्यमंत्री के आवास को घेरेंगे, देंगे धरना
उप्र एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के पूर्व प्रदेश महामंत्री मुकेश चौधरी ने कहा कि चेतावनी के बाद भी यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 28 अगस्त की सुबह से स्वास्थ्य मंत्री/उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक के आवास पर अनिश्चितकाल के लिए धरना देंगे। दरअसल, जिले में 255 सीएचओ तैनात हैं। इनमें से 253 क्रियाशील हैं, जो आंदोलन की राह पकड़ लिए हैं। ये लोग ड्यूटी पर जा रहे हैं लेकिन, हाजिरी नहीं दे रहे हैं। इनकी नाराजगी से किट के माध्यम से डेंगू, मलेरिया, शुगर, फाइलेरिया आदि 14 प्रकार की जांच और विभिन्न योजनाओं के आंकड़े जो पोर्टल पर दर्ज किए जाते हैं, यह कार्य बाधित होने लगा है।
इससे रोगियों व ई-संजीवनी, यूडीएसपी पोर्टल (डेंगू, मलेरिया आदि की जांच के आंकड़े) भी प्रभावित होगा और स्टेट की रेटिंग पर असर पड़ेगा। इनके आंदोलन से स्वास्थ्य विभाग में परेशानी बढ़ी है। एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक रघुवीर सिंह भी सीएचओ के कार्य न करने से चिंतित दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएचओ ऑनलाइन पोर्टल पर 14 अगस्त से लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं। सीएचसी का कहना है कि उन्हें 25,500 रुपये की जगह पर 20,500 रुपये मानदेय मिल रहा है, जो कि गलत है।
इन सभी की आज से ऑनलाइन रिपोर्टिंग बंद
स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य बहिष्कार के बाद से ऑनलाइन सेवाएं बंद हो गई हैं। टेलीकाॅन्सलशन, ऑनलाइन हाजिरी पोर्टल, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पोर्टल, औषधि एवं टीका वितरण एवं प्रबंधन प्रणाली (डीवीडीएमएस), ई-कवच, निक्षय-एप, यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (यूडीएसपी), लैब पोर्टल, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) पोर्टल, स्वास्थ्य मेला एंट्री, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) आदि की ऑनलाइन रिपोर्टिंग बंद हो गई है।