बाराबंकी, संवाद पत्र । जिले के परिषदीय विद्यालयों में सकुशल दस वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद मिलने वाले चयन वेतनमान को लेकर विकासखंड स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारियों से लेकर जिला स्तर तक जमकर भ्रष्टाचार लगातार जारी है। इस प्रकरण की यदि जांच करा ली जाय तो ऐसी स्थिति सामने आयेगी जिसे किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि हाल यह है कि एक तरफ जिस शिक्षक से व्यक्तिगत लाभ मिला उसको तो 10 वर्ष की अवधि पूरा होते ही चयन वेतनमान की स्वीकृति हो जाती है।
वहीं अधिकांश शिक्षक सालों तक कार्यालय के चक्कर काटा करते हैं। यूटा के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बीएसए से मुलाकात कर ज्ञापन के माध्यम से शिक्षकों के चयन वेतनमान स्वीकृत आदेश निर्गत किए जाने में हो रहे व्यापक विलंब को लेकर विस्तृत वार्ता की। अवगत कराया कि अधिकांश समय तक पत्रावलियां खंड शिक्षा अधिकारी और बीएसए कार्यालय में आदेश निर्गत होने की प्रतीक्षा किया करती है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जनवरी 2024 माह में प्राप्त कराई गई चयन वेतनमान की पत्रावलियों में बड़ी संख्या में स्वीकृत आदेश निर्गत नही हुए हैं।
पूरे प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेकर जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ ही चयन वेतनमान के लाभ से वंचित पात्र पीड़ित शिक्षकों का चयन वेतनमानआदेश तत्काल निर्गत किए जाने की बात भी स्पष्ट रुप से की गई। जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पाण्डेय ने अविलंभ जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।