बाराबंकी, संवादपत्र । कांग्रेस सरकार में देश के 85 फीसदी पसमांदा मुस्लिम समाज पर आर्टिकल 341 के जरिए लगाए गए धार्मिक प्रतिबंध का आज जोरदार विरोध किया गया। इस बंदिश के खिलाफ ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की ओर से शनिवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से बरसों से पसमांदा समाज पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करने व समानता का अधिकार प्रदान करने की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पसमांदा मुसलमान के साथ शत्रुता भरा व्यवहार किया। जबकि इसी समाज ने इस दल को सत्ता में बने रहने के कई मौके दिए। इसके बावजूद कांग्रेस अपने अत्याचारी रवैए से बाज नहीं आई। इनके जुल्म का ही परिणाम है कि पसमांदा समाज से सैकड़ों आईएएस, इंजीनियर, डॉक्टर, जज और राजनीतिज्ञ बनने से वंचित रह गए, लेकिन अब वक्त के साथ यह समाज जागरूक हुआ है और अपने अधिकारों की रक्षा करना जानता है।
उन्होंने कहा कि इस समाज को वर्तमान केन्द्र सरकार से बड़ी उम्मीद है। इस सरकार ने ट्रिपल तलाक समेत कई साहसिक फैसले लेकर यह साबित किया है कि उनमें बदलाव लाने का जज्बा है। इसी तरह सरकार आर्टिकल 341 के जरिए लगाए गए धार्मिक प्रतिबंध से पसमांदा समाज को आजादी दिलाने की पहल करें, ताकि यह समाज भी समानता का अधिकार हासिल करने के साथ ही मुल्क की तरक्की में अपनी भूमिका निभा सके। इस दौरान महाज जिलाउपाध्यक्ष नूरुलहसन अंसारी, ज़िलामहामंत्री नफीस राईन, सलमानी समाज के जिलाध्यक्ष जुबेर सलमानी, क़ुरैशी समाज के जिलाध्यक्ष सदाब क़ुरैशी, एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन, समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
इराक में प्रस्तावित कानून गलत
लड़कियों की शादी की उम्र 18 नहीं 9 साल हो, ये इराक के न्याय मंत्रालय का संसद में प्रस्ताव लाया गया। इस बिल का उद्देश्य देश के 1959 पर्सनल स्टेटस लॉ में संशोधन करना है। इस कानून में शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 साल बताई गई है, जिसे घटा कर 9 साल करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव का ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने सख्त विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में लड़कियों की शादी कराना सरासर गलत है। यह उम्र तो बच्चों के पढ़ने लिखने की होती है।