सचिन कुमार/ सतरिख/बाराबंकी, संवादपत्र । जंगल की जमीन पर मनरेगा से तालाब खोदवा दिया गया है। जबकी कार्य योजना बनाने में जमीन की खसरा खतौनी तक नहीं लगाई गई। एसडीएम ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
विकास खंड हरख की ग्राम पंचायत पनिहल में करीब दो वर्ष पहले पीरन तालाब की मनरेगा से खोदाई कराई गई थी। इसके लिए लगभग 14 लाख की कार्य योजना बनी थी। करीब 9 लाख रुपए तालाब की खोदाई के नाम पर मनरेगा से खर्च किए गए हैं। बलछत निवासी संतोष शर्मा का आरोप है कि जिस जमीन में पीरन तालाब खोदा गया है, वह सरकारी अभिलेख में जंगल के रुप में दर्ज है। जंगल में दर्ज जमीन पर तालाब का निर्माण नहीं हो सकता है। इसमें ब्लॉक के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कमीशन के चक्कर में तालाब खुदवा दिया है। उन्होंने ब्लाॅक के अफसरों पर मिली भगत का आरोप लगाया है।
आरोप है की तालाब खोदाई की कार्य योजना में जमीन की खसरा खतौनी नहीं शामिल की गई है। जबकि बगैर खसरा खतौनी के कार्य योजना नहीं बन सकती है। तहसील नवाबगंज और ब्लॉक में अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीडीओ हरख प्रीति वर्मा ने बताया कि तालाब वहीं बन सकता है जो जमीन तालाब के अभिलेख में दर्ज हो। अन्य जमीन में तालाब नहीं बन सकता। इस मामले की जांच कराई जाएगी।