पेंशन विभाग में ही 11 में से सिर्फ एक कर्मचारी की है तैनाती
बहराइच, संवाद पत्र। जिले के समाज कल्याण विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों का टोटा है। जिसके चलते विभाग का काम नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं काम समय से पूरा न होने पर अधिकारियों की डांट भी खानी पड़ रही है। आलम यह है कि समाज कल्याण विभाग में अधिकारी या कर्मचारी पानी तक अपने हाथ से लेकर पीते हैं। कर्मचारियों की कमी पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
प्रदेश सरकार काम को तत्परता से करने के लिए दिशा निर्देश जारी करती है। लेकिन जिले के कई ऐसे कार्यालय हैं। कहां कर्मचारियों की नियुक्ति ही नहीं है। 70 से 80 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी के चलते काम समय से नहीं हो पा रहा है। इसके लिए विभागों द्वारा शासन को पत्र भी लिखा जाता है। लेकिन शासन पत्र पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके चलते कार्य प्रभावित हो रहा है। कुछ यही हाल जिले के समाज कल्याण विभाग की है। समाज कल्याण विभाग में ही 33 कर्मचारी नहीं हैं। इतना ही नहीं पूरे विभाग में एक चपरासी भी नहीं है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सबसे महत्वपूर्ण विभाग में काम किस तरह किया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग के पेंशन विभाग में 11 कर्मचारियों के तैनाती का मानक है। लेकिन सिर्फ एक कर्मचारी की ही तैनाती है। इसी तरह 10 काउंटर पर 10 कर्मचारियों के स्थान पर महज तीन कर्मचारी की ही तैनाती है। जिसके चलते विभाग का काम पूरी तरह से प्रभावित है। इतना ही नहीं काम प्रभावित होने से जन प्रतिनिधि और बड़े अधिकारियों की डांट विभागीय अधिकारियों को खानी पड़ रही है।
मालूम हो कि पेंशन, एकलव्य माडल स्कूल प्रबंधन से लेकर शादी तक का काम समाज कल्याण विभाग के पास है। कर्मचारियों की कमी एक नजर में 10 काउंटर में मात्र तीन कर्मचारी पेंशन विभाग के 11 पद पर एक कर्मचारी सुपरवाइजर छह की जगह तीन एडीओ और पीडीओ मिलाकर 18 में से सिर्फ पांच की तैनाती
ऑफिस में चपरासी एक भी नहीं कई बार लिखा गया शासन को पत्र
समाज कल्याण विभाग के सभी पटल पर कर्मचारियों की कमी है। जिसके चलते काम प्रभावित है। कर्मचारियों की तैनाती के लिए शासन को कई बार पत्र लिखा गया है। तैनाती का निर्णय शासन की ओर से ही लिया जायेगा-रामशंकर गुप्ता, समाज कल्याण अधिकारी