विधि संवाददाता, बरेली। चेक बाउंस मामले में अभियुक्त के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) तामील न कराने पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार दुबे ने थानाध्यक्ष इज्जतनगर को स्पष्टीकरण के साथ 7 अगस्त को कोर्ट में तलब किया है।
ओमपाल सिंह ने वर्ष 2020 में इज्जतनगर के बसंत बिहार फेस-2 निवासी विनोद कुमार की ओर से जारी चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट का मुकदमा दायर किया था। परिवादी के वकील हुकम सिंह ने बताया कि अदालत ने 8 मार्च 2022 को विचारण के लिए आरोपी को तलब किया था।
समन पर हाजिर न होने पर पहली बार 13 मार्च को कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। उसके बाद चार तारीख गुजरने के बाद भी थानाध्यक्ष इज्जतनगर ने वारंट तामील नहीं कराया और न ही कोई रिपोर्ट कोर्ट में प्रेषित की, जबकि एनआईएक्ट से संबंधित मामलों के निस्तारण की प्रगति का पर्यवेक्षण उच्च न्यायालय द्वारा लगातार किया जा रहा है। अभियुक्त विनोद कुमार के खिलाफ कोर्ट से तीन बार थानाध्यक्ष को एनबीडब्ल्यू भेजा गया था।
कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत होता है कि थानाध्यक्ष इज्जतनगर अभियुक्त को गिरफ्तार न कर, अभियुक्त को अनुचित लाभ प्रदान कर रहे हैं, इसलिए थानाध्यक्ष 7 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर बिंदुवार स्पष्टीकरण पेश करें।
स्पष्टीकरण के लिए अदालत ने तीन बिंदु दिये हैं जिनमें न्यायालय आदेश का पालन न करने के कारण क्यों न अवमानना की कार्रवाई हाईकोर्ट को भेजी जाए, भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 14 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में होने के कारण थानाध्यक्ष इज्जतनगर के खिलाफ अभियोग दर्ज किये जाने का आदेश क्यों न पारित कर दिया जाये और थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए एसएसपी को क्यों न निर्देशित किया जाए। कोर्ट ने आदेश की एक प्रति एसएसपी को इस आशय से भेजी है कि थानाध्यक्ष को 7 अगस्त को स्पष्टीकरण के साथ हाजिर करायें।