बरेली: 78 साल में भी श्मशान जाने के लिए नहीं मिला रास्ता, खेतों से लेकर जाते हैं अर्थी

By Sanvaad News

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सीबीगंज/ बरेली, संवादपत्र : गोकुलपुर उर्फ गरगईया गांव के ग्रामीण 78 साल से अर्थी लेकर श्मशान भूमि जाने के लिए रास्ता दिलाने को संघर्ष कर रहे हैं। बावजूद उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा है। इन सालों में गांव में तमाम लोगों की मृत्यु हुईं। पीड़ित परिवार ग्रामीणों संग खेतों और पगडंडियों के रास्ते अर्थी लेकर श्मशान भूमि पहुंचे हैं। जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की पीड़ा नहीं समझी। मंगलवार को करंट की चपेट में आकर जान गंवाने वाले युवक की अर्थी लेकर जाने के दौरान पगडंडी वाले रास्ते पर एक दो लोग गिर गए। मांग पर सुनवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है।

नगर निगम सीमा क्षेत्र के वार्ड 37 के सीबीगंज के गांव गोकुलपुर उर्फ गरगईया में श्मशान भूमि जाने के लिए रास्ता नहीं है। पानी भरे खेतों से गीली मिट्टी और पगडंडी वाली मेड़ों से जान जोखिम में डालकर लोग अर्थी लेकर निकलते हैं। गांव के वीर प्रताप की ससुराल उड़ला जागीर में सोमवार को करंट लगने से मौत हो गई। मंगलवार को उनकी अंत्येष्टि करने के लिए परिजन और ग्रामीण बारिश में जान जोखिम में डालकर खेतों और मेड़ों के रास्ते श्मशान भूमि तक पहुंचे। तब अंत्येष्टि की गई।

ससुराल में छत पर एचटी लाइन की चपेट में आ गए थे वीर प्रताप
गांव के वीर प्रताप ( 34) सोमवार को ससुराल में राखी बांधने बिथरी चैनपुर के गांव उड़ला जागीर गए थे। वह मकान की छत पर सो रहे थे। देर रात करीब ढाई बजे वह लघुशंका के लिए उठे। इसी दौरान छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए। करंट लगने से उनकी मौत हो गई।

मंत्री-विधायक को पत्र सौंपे पर न रास्ता मिला और न ही सड़क बनी
गांव के ख्याली राम और शिव सहाय ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है, तब से इस श्मशान भूमि में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है, गांव में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो हम लोग ऐसे ही जान जोखिम में डालकर अर्थी लेकर दाह संस्कार करने जाते हैं। कई बार मंत्री और विधायक को शिकायती पत्र सौंप चुके हैं लेकिन न तो श्मशान भूमि कहीं अलग शिफ्ट की जा रही है न ही इसका रास्ता उपलब्ध कराया जा रहा है। गोकुलपुर गांव के लोगों का कहना है कि पहले जब खेतों से मिट्टी नहीं उठी थी तब खेतों की मेड़ों से होकर आसानी से निकल जाते थे, मगर जब खनन माफिया ने खेतों से दस दस फुट गहरी मिट्टी उठा ली तो अब निकलना और मुश्किल हो गया है।

पार्षद ने शासन-प्रशासन से सड़क बनवाने की मांग की
 नगर निगम के वार्ड 37 खड़ौआ की पार्षद अंजुल गंगवार का कहना है कि गोकुलपुर गांव में श्मशान भूमि को जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने शासन-प्रशासन से इस गांव में श्मशान भूमि को जाने के लिए जल्द सड़क बनवाने की मांग की है– पार्षद अंजुल गंगवार

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